झारखंड किसी की बपौती नहीं, हेमंत सरकार से राज नहीं संभल रहा तो छोड़ दें सत्ता- रघुबर दास
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झारखंड किसी की बपौती नहीं, हेमंत सरकार से राज नहीं संभल रहा तो छोड़ दें सत्ता- रघुबर दास

उन्होंने हेमंत सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये सरकार पूरी तरह से अक्षम और अयोग्य है. इस सरकार के पास न बुद्धि है और न ही विवेक है न ही राज्य को आगे बढ़ाने की सोच है.

झारखंड किसी की बपौती नहीं, हेमंत सरकार से राज नहीं संभल रहा तो छोड़ दें सत्ता- रघुबर दास.

रांची: झारखंड किसी की बपौती नहीं सवा तीन करोड़ जनता की है. झारखंड की हेमंत सोरेन (Hemant Soren)सरकार पर कटाक्ष करते हुए उक्त बातें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास (Raghubar Das) ने आज बोकारो में प्रेस वार्ता के दौरान कही. 

उन्होंने हेमंत सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि ये सरकार पूरी तरह से अक्षम और अयोग्य है. इस सरकार के पास न बुद्धि है और न ही विवेक है न ही राज्य को आगे बढ़ाने की सोच है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर हेमंत सरकार से राज नहीं संभल रहा है तो सत्ता छोड़ दें. क्योंकि इनके खुद के लोग इनसे नाराज हैं और आवाज इनके घर से ही उठ रहा है. उन्होंने कहा कि अपनी अक्षमता को छुपाने के लिए ये बार-बार केंद्र सरकार को दोष दे रहे हैं जबकि ये राज्य प्राकृतिक संपदा से भरपूर है. यह इनका राजनीति चरित्र बन गया है.

उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार खजाना खाली होने के बाद कह रहा है, लेकिन जब ये 2014 में सत्ता छोड़कर गए थे तो डीवीसी का बिजली बिल बकाया करीब 6 से सात करोड़ रुपया था. जिसे हमने देने का काम किया उसके सबूत भी हमारे पास है. 

आज यह खजाना खाली होने के बाद का रोना रोकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. यहां तक कि विधायक फंड भी यह रिलीज नहीं कर रहे हैं ताकि क्षेत्र में विकास हो सके. यह केवल अपने घर भरने में लगे हुए हैं.

विस्थापन के सवाल पर उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि विस्थापन कांग्रेस की देन है और इस राज्य में चाहे सीसीएल हो बीसीसीएल हो सेल हो या फिर एचईसी हो सभी का विस्थापन की जिम्मेदार कांग्रेस पार्टी है. जिसने जमीन दिया वह आज दर-दर की ठोकरें खा रहा है.

उन्होंने कहा कि यह दो विधानसभा उपचुनाव तय करेगा झारखंड की राजनीति को. साल 2021 में नई राजनीति अंगड़ाई ले रही है.

उन्होंने कहा कि जिस तरीके से झूठ बोल कर के यह सरकार सत्ता में आई है उस काम को अब यह पूरा नहीं कर पा रहे हैं. चाहे वह साल में युवाओं को 72 हजार रूपए देने का या फिर 5 लाख युवाओं को रोजगार देने का मामला हो.

उन्होंने स्वास्थ्य पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज इनके शिक्षा मंत्री कोरोना से ग्रसित है लेकिन उन्हें उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. भारतीय जनता पार्टी पहले से ही कहते आ रही है कि उन्हें किसी हायर संस्थान में दाखिले कराई जाए ताकि उचित इलाज हो सके और जल्द से जल्द स्वस्थ हो सके. लेकिन इस सरकार ने ऐसा नहीं किया.