लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस झारखंड में महागठबंधन की प्लॉट तैयार करने के लिए जेएमएम और जेविएम के अलावा आरजेडी के साथ महागठबंधन बना चुकी है.
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मृणाल सिन्हा, रांची: लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर चुनावी सरगर्मी तेज हो गई है. खासकर इस बार बीजेपी सरकार को हर मोर्चे पर शिकस्त देने के लिये विपक्षी पार्टियां एकजुट हो रही हैं.
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस झारखंड में महागठबंधन की प्लॉट तैयार करने के लिए जेएमएम और जेविएम के अलावा आरजेडी के साथ महागठबंधन बना चुकी है. हालांकि इन दलों के साथ सीट बंटवारें को लेकर अब भी खींचतान चल रही है. ऐसे में गिरिडीह में एक साथ तमाम विपक्षी पार्टियों के पहुंच जाने से महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी संघर्ष यात्रा के तहत कल गिरिडीह पहुंचे. वहीं, बाबूलाल मरांडी भी पार्टी के कार्यक्रम को लेकर गिरिडीह में ही है. ऐसे में महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अंतिम मुहर लगाने के लिए कांग्रेस के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह व पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय गिरिडीह पहुंचे. ताकि चारों नेता बैठकर सीटों को लेकर चर्चा की.
सूत्रों की मानें तो इन दोनों की जेएमएमके कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और जेविएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के साथ गुफ्तगू होगी और उसके बाद झारखंड में लोकसभा की14 सीटों के बंटवारे पर अंतिम मुहर लगेगी.
लेकिन महागठबंधन होने के बाद 2014 में से सात सीट कांग्रेस, चार सीट पर जेएमएम, दो सीट पर जेविएम और एक सीट पर आरजेडी के चुनाव लड़ने की सहमति बनी थी. लेकिन इस बीच जेविएम द्वारा दो की जगह तीन सीट की मांग किए जाने के साथ ही सियासी पारा चढ़ चुका है. जेविएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने यह साफ संकेत दे दिया है कि गोड्डा व कोडरमा में उनकी पार्टी पिछले पांच वर्षों से संघर्ष कर रही है. यही कारण है कि इन दोनों सीट पर बाबूलाल अपनी दावेदारी पेश रहे हैं.
बहरहाल, बाबूलाल मरांडी ने गोड्डा ओर कोडरमा सीट पर अपनी दावेदारी ठोक कर महागठबंधन में शामिल अन्य दलों को चिंता मे डाल दिया है. अब देखना यह है कि आरपीएन सिंह व हेमंत सोरेन को कैसे मनाते हैं.