झारखंड में मुस्लिम संगठन ने की एंटी-लिंचिंग कानून की मांग
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झारखंड में मुस्लिम संगठन ने की एंटी-लिंचिंग कानून की मांग

हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद एक मुस्लिम संगठन ने राज्य में एंटी-लिंचिंग कानून बनाने की मांग की है. पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई लिंचिंग (पीटकर हत्या) की कई घटनाएं हुई थीं. 

पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई लिंचिंग (पीटकर हत्या) की कई घटनाएं हुई थीं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद एक मुस्लिम संगठन ने राज्य में एंटी-लिंचिंग कानून बनाने की मांग की है. पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान हुई लिंचिंग (पीटकर हत्या) की कई घटनाएं हुई थीं. 

नवविवहित युवक तबरेज की मौत से समूचे देश में गुस्सा देखा गया था. इन घटनाओं के मद्देनजर नई सरकार से मुस्लिम संगठन ने इस पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की मांग की है. 

ऑल इंडिया मजलिस मुशावरत के अध्यक्ष नावेद हामिद ने मीडिया से कहा, "पत्थलगड़ी आंदोलन में शामिल कार्यकर्ताओं के ऊपर लगे देशद्रोह के मामले को वापस लेने के लिए मैं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी का तहेदिल से आभारी हूं."

उन्होंने आगे कहा, "मैं मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करना चाहता हूं कि कृपा करके वह पहले विधानसभा सत्र में एंटी-लिंचिंग कानून को लेकर आएं."

खबरों के अनुसार, इस साल की शुरुआत में भीड़ द्वारा पीट-पीट कर तबरेज अंसारी की हत्या के बाद से झारखंड में 22 लिंचिंग से जुड़े मामले सामने आए. 

लिंचिंग को लेकर विवाद राजनीति के केंद्र में रहा. कांग्रेस और विपक्ष ने पूर्व की भाजपा नेतृत्व सरकार पर इस प्रकार के मामलों पर आंख मूदने का आरोप लगया था.