भूमि अधिग्रहण कानून में किए गए संशोधन के खिलाफ संयुक्त विपक्ष ने यह साफ कर दिया है कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी.
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रांचीः भूमि अधिग्रहण कानून में किए गए संशोधन के खिलाफ संयुक्त विपक्ष ने यह साफ कर दिया है कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी. जब तक सरकार इस बिल को वापस नहीं ले लेती. कांग्रेस भवन में शुक्रवार को विपक्ष दलों का एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस किया गया. जिसमें सभी विपक्षी दलों ने आंदोलन को जारी रखने की बात कही.
वहीं सरकार की सहयोगी आजसू प्रमुख सुदेश महतो के सलाह पर नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि वह सदन में चर्चा के लिए तैयार है. बशर्ते कि सरकार पहले इस बिल को वापस लें.
भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल के विरोध में गुरुवार को एकजुट विपक्ष ने झारखंड बंद बुलाया था. झारखंड बंद को विपक्षी दलों ने एतिहासिक करार देते हुए इसे सफल बताया. वहीं, मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विफल बताते हुए कहा था कि जनता ने बंद को नकार दिया है. इस बयान से विपक्ष में एकजुटता फिर से मजबूत दिखने लगी है.
विपक्षी दलों ने पहली बार साझा प्रेस कॉफ्रेंस कर सरकार के खिलाफ फिर से मोर्चा खोलने की बात कही है. साथ ही भूमि अधिग्रहण बिल के लिए सरकार को फिर से घेरने की तैयारी कर रही है. नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा है कि इस मुद्दे पर सरकार को मानसून सत्र में घेरा जाएगा. साथ ही 16 जुलाई को राजभवन के सामने धरना दिया जाएगा.
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार की नीतियों को तानाशाही बताते हुए कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार जनता के साथ धोखाधड़ी कर रही है. केंद्र सरकार के समर्थन मूल्य को लेकर दिए गए फैसले को भी किसानों के साथ छलावा करार दिया है. देश की यह पहली सरकार है जिसने किसानों पर जीएसटी लगाने का काम किया है.
इसके साथ ही विपक्षी दलों ने कहा कि हमारी संयुक्त टीम खूंटी जाएगी और पूरी टीम पत्थलगड़ी और वहां के हालातों का जायजा लेगी.