Jamshedpur: झारखंड के पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) के चाकुलिया प्रखंड में पिछले एक हफ्ते से 60-70 हाथियों का दल उत्पात मचा रहा है. आलम यह है कि इनके भय से लगभग दो दर्जन गांवों के लोग दहशत में हैं. लोग रातें पक्के मकानों की छतों पर गुजार रहे हैं. हाथियों का यह दल बंगाल की सीमा से खदेड़े जाने के बाद इस इलाके में घुस आया है. सोमवार को कुछ हाथी सड़क पर आकर जम गये. इस वजह से चाकुलिया से उड़ीसा की ओर जाने वाली सड़क पर यातायात लगभग दो घंटे तक ठप हो गया.


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हाथियों ने उड़ीसा जानेवाली एक बस का रास्ता रोका तो भगदड़ मच गयी और यात्री बस से उतरकर इधर-उधर भागने लगे. बहरागोड़ा के पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और झारखंड के वन विभाग को ट्वीट भी किया है. उन्होंने बताया है कि बड़ामारा पंचायत के मकड़ी गांव में हाथियों ने सोमवार को दो घरों को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया है. इस गांव के लोगों ने भागकर दूसरे गांव में शरण ली है.


इसके पांच-छह दिनों पहले ढेंगाम गांव में हाथियों के झुंड ने बालक नायक, कालीपद नायक, सुधीर नायक, परिमल नायक, मोहन नायक, महादेव नायक, कबीर नायक, पत्नी नायक समेत दर्जनभर लोगों के घरों को ध्वस्त कर दिया था. रविवार की रात हाथियों का यह दल चौठिया जंगल से सटे माचाडीहा के पास आ पहुंचा तो भगदड़ मच गयी.


जमशेदुपर फॉरेस्ट डिविजन की डिप्टी कंजर्वेटर ममता प्रियदर्शी का कहना है कि वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीम हाथियों पर नजर बनाए हुए है. उन्होंने कहा है कि शाम साढ़े पांच बजे के बाद हाथियों को आबादी वाले इलाके से निकालकर सुरक्षित वन क्षेत्र की ओर भेजने का प्रयास किया जायेगा.


हाथियों के दल में कई शिशु हाथी भी हैं. बताया गया है कि इन हाथियों को पश्चिम बंगाल के वन विभाग की टीम ने लालबांध जंगल से खदेड़कर चाकुलिया सीमा की तरफ भेज दिया. दरअसल, इस इलाके में हाथियों का आतंक लंबे समय से है. पश्चिम बंगाल और झारखंड की सीमाएं एक-दूसरे से सटी हैं. दोनों राज्यों के वन विभागों की टीमें हाथियों को अपने इलाके से निकालकर दूसरे राज्य में खदेड़ देती हैं. इस वजह से हाथी भी उग्र होकर उत्पात मचाते हैं. इस समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में अब तक कोई कदम नहीं उठाया जा सका है.


(आईएएनएस)