रांची: Ranchi Violence: रांची में हुई हिंसा को लेकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बड़ा बयान सामने आया है. सीएम हेमंत सोरेन ने शुक्रवार की घटना को लेकर कहा, 'ये शहर जंग का मैदान नहीं, आवेश में तैश में अक्सर गलतियां होती हैं. इस लिए मौजूदा हालत को समझते हुए और वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रख कर हमें हर कदम बढ़ाने की आवश्यकता है.'


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हेमंत सोरेन ने आगे कहा, 'कई जगहों से सबको कई विचलित करने वाली खबरें सुनने को भी मिलेगी और कई चीजें देखने को मिलेगी,आज कहीं न कहीं हर खबर और तस्वीर में कुछ न कुछ हिडेन एजेंडा छुपा हुआ प्रतीत होता है. हमें उसे देखने की आवश्यकता है. हमें इस देश के संविधान को, इस देश के लोकतंत्र को आज के विकट परिस्थिति में बचाने की अवश्यकता है.'


उन्होंने कहा, 'हम पहले भी इस बात को कह चुके हैं कि देश अजीबोगरीब परिस्थिति से गुजर रहा है. इसमें बहुत संभलकर और बहुत सूझबूझ के साथ इस समय को पार करने की अवश्यकता है.'


बता दें कि रांची हिंसा में सीएम द्वारा गठित एसआईटी ने सोमवार को जांच शुरू कर दी है. हिंसा के बाद सोमवार को कमेटी रांची के डेली मार्केट थाने पहुंची और तमाम बिंदुओं की जांच की. आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल और एडीजी अभियान संजय लाटकर घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान उनके साथ रांची जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे. जांच कमेटी को एक सप्ताह के भीतर सीएम को रिपोर्ट देनी है.


जानकारी के अनुसार, रांची में शुक्रवार हुई हिंसा के मामले में 22 उपद्रवियों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस मामले में 8 से 10 हजार अज्ञात लोगों के विरुद्ध भी केस दर्ज किया गया है. एफआईआर में उपद्रवियों पर 80 राउंड फायरिंग करने के साथ तोड़-फोड़ करने का भी आरोप है. पुलिसकर्मियों पर निशाना साधकर फायरिंग और मंदिरों में तोड़-फोड़ का भी एफआईआर में जिक्र किया गया है. उपद्रवियों द्वारा पथराव कर पुलिसकर्मियों को घायल करने की बात भी एफआईआर में डाली गई है.


बता दें कि नुपुर शर्मा के बयान को लेकर शुक्रवार को रांची में बवाल हो गया. जुमे की नमाज के बाद मेन रोड में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने नारेबाजी के बाद अचानक पथराव शुरू किया. उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने कई राउंड हवाई फायरिंग की और लाठीचार्ज किया.