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रांची : झारखंड में एक समुदाय विशेष की आबादी जिन क्षेत्रों में बढ़ी वहां बिना सरकारी आदेश के रविवार के बदले शुक्रवार के अवकाश को मंजूरी दे दी गई वहीं कई स्कूलों के नाम के आगे उर्दू शब्द भी जोड़ दिया गया. ये सभी सामान्य विद्यालय हैं कोई मदरसे नहीं. झारखंड में पहले जामताड़ा और अब उप राजधानी दुमका के 33 सरकारी स्कूलों में रविवार के बजाय शुक्रवार को छुट्टी का मामला सामने आया है. मामला सामने आने पर इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है.
भाजपा जहां सरकार को इस पर घेरते हुए तुष्टिकरण करने का आरोप लगा रही है. वही जेएमएम और कांग्रेस इसे बेबुनियाद आरोप बता रही हैं.
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इस पूरे मामले को लेकर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि इस तरह का समुदाय विशेष के द्वारा जो कृत किया जा रहा है. यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं है. इसको गंभीरता से लेने की जरूरत है. यह गढ़वा, जामताड़ा, दुमका की बात नहीं है. यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस देश को गजवा-ए-हिंद बनाने का यह लोग प्रयास कर रहे हैं. वहीं सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इन्हें समुदाय विशेष का वोट चाहिए इस वजह से यह सरकार ऐसे कृत्यों पर लगाम नहीं लगा पा रही है.
वहीं इस पर जेएमएम प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से दूसरे दिन ही बैठक बुलाई और सभी के सामने निर्देश दिया कि 1 हफ्ते के अंदर जांच रिपोर्ट समर्पित करें. सभी शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है. कानून के साथ खिलवाड़, मजाक नहीं बनाया जा सकता. जो चला आ रहा है वही चलेगा, कोई अपने नियम पर सबकुछ अपने हिसाब से चलाना चाहे तो यह हेमंत सरकार में नहीं चलेगा. उन्होंने कहा कि विपक्ष के आरोप बेबुनियाद हैं.
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि यह मामला सरकार के संज्ञान में आया है, स्वभाविक तौर पर सरकार ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए वहां के जिला अधिकारी और शिक्षा पदाधिकारी से बात किया है और निर्देश दिया है कि यह जो मामले आ रहे हैं उसकी पूरी जांच कर रिपोर्ट सरकार को दें. साथ ही हम कहेंगे कि ऐसे तत्वों की पहचान किया जाए जो सरकार को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं.