कहानी प्रिया की जो बोल-सुन नहीं सकती लेकिन, आप उसे सुनने पर मजबूर हो जाएंगे
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कहानी प्रिया की जो बोल-सुन नहीं सकती लेकिन, आप उसे सुनने पर मजबूर हो जाएंगे

शारीरिक रूप से इंसान बेशक कमजोर हो,लेकिन हौसले बुलंद हों तो सफलता जरूर मिलती है. इस बात को बखूबी साबित कर दिखाया है, रांची शहर की रहने वाली प्रिया कुमारी ने. प्रिया जन्म से ही ना तो सुन सकती हैं और ना ही बोल सकती हैं. उन्हें इस बात का जरा भी मलाल नहीं है. 

कहानी प्रिया की जो बोल-सुन नहीं सकती लेकिन, आप उसे सुनने पर मजबूर हो जाएंगे

रांचीः शारीरिक रूप से इंसान बेशक कमजोर हो,लेकिन हौसले बुलंद हों तो सफलता जरूर मिलती है. इस बात को बखूबी साबित कर दिखाया है, रांची शहर की रहने वाली प्रिया कुमारी ने. जानकारी के लिए बता दें प्रिया जन्म से ही ना तो सुन सकती हैं और ना ही बोल सकती हैं. उन्हें इस बात का जरा भी मलाल नहीं है. प्रिया दिव्यांग जरूर हैं लेकिन कमजोर नहीं, उनकी यही खासियत उन्हें औरों से अलग बनाती है. वह देश-विदेश में अपने डांस के टैलेंट के दम पर भारतीय संस्कृति की छटा बिखेर रही हैं. प्रिया दिल्ली के मधु विहार स्थित 'वी आर वन' संस्था में डांस की प्रैक्टिस करती हैं.

दस साल से कर रही डांस
प्रिया मूल रूप से झारखंड के रांची शहर की रहने वाली हैं, जब उनका परिवार दिल्ली आया तो वह भी यहां चली आईं. दिल्ली जैसे शहर में उनके सपनों को और उड़ान मिली. कड़कड़डूमा स्थित गीता बाल भारती पब्लिक स्कूल में प्रिया छात्रा हैं. हाल ही में उन्होंने 12 वीं पास की. पढ़ाई के साथ-साथ वह दस साल से 'वी आर वन' संस्था के साथ जुड़ी हुई हैं. वो ना तो सुन सकती है और ना ही बोल सकती है, लेकिन उसके बाद भी सांकेतिक भाषा (इशारों) को समझकर वो ऐसा नाचती हैं जैसे उनके लिए यह सब कर पाना बहुत साधारण सी बात हो. रविंद्रनाथ टैगोर ने कहा था कि शिक्षक अगर सतत सीखता ना रहे तो कभी सीखा नहीं सकता. इन पंक्तियों को प्रिया बखूबी अपनाती हैं. प्रिया खुद भी डांस सीखने के साथ-साथ अपनी जूनियर्स को डांस के बारीकियां सिखाती हैं. प्रिया ने जब यह संस्थान जॉइन किया तब वह महज 11 साल की थीं.अपनी मेहनत के बल पर प्रिया देश-विदेश में परिवार सहित 'वी आर वन' संस्था का नाम रोशन कर रही हैं.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी कर चुके है सराहना
31 मार्च 2022 को 'वी आर वन' संस्था ने लाल किले पर भारत सरकार के संस्कृति व पर्यटन मंत्रालय व डालमिया भारत लिमिटेड द्वारा 75वें आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित ‘भारत भाग्य विधाता’ कार्यक्रम में प्रिया ने अपने साथियों के साथ मिलकर नृत्य की प्रस्तुति दी थी, जिसमें उन्होंने गणेश वंदना प्रस्तुति सहित देश के बलिदानियों को अपने नृत्य के माध्यम से श्रद्धांजलि दी.इसके अलावा 27 मार्च को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में नटराज म्यूजिक एंड डांस एकेडमी द्वारा आयोजित भरतमुनि नृत्योत्सव में भी संस्था ने व्हीलचेयर पर भरतनाट्यम की प्रस्तुति दी. इसके लिए 'वी आर वन'संस्था को नेशनल लाइफ टाइम अचीवर अवार्ड से भी नवाजा गया.प्रिया के कोरियोग्राफर हुसैन बताते हैं कि प्रिया और 'वी आर वन'टीम के अन्य सदस्यों ने अब तक देश के कई राज्यों में 95 से अधिक प्रस्तुतियां दी हैं जिसके लिए 2010 में उन्हें पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से सराहना भी मिली है.

हमें दया नहीं अवसर चाहिए
'वी आर वन' संस्था के संस्थापक हुसैन ने कहा कि अपने होनहारों के लिए अवसर चाहिए. वह कहते हैं कि ‘हमें दया नहीं अवसर चाहिए'. प्रिया अपने साथियों के साथ मिलकर देश के अलग-अलग राज्यों में जाकर सांस्कृतिक समावेश का प्रदर्शन करती हैं. वह समाज में गर्व और समानता के साथ सशक्त  होकर जीना चाहती हैं. भगवान ने उन्हें जैसा बनाया है वह उसी में बेहतर करने का प्रयास कर रही हैं.
 
देश-विदेश में भारतीय संस्कृति की बिखेर रही झलक
कोरियोग्राफर गुलशन ने प्रिया अपने साथियों के साथ मिलकर अमेरिका, रूस, इटली, दुबई, इस्तानबुल जैसी जगहों पर अपने डांस का लोहा मनवा चुकी हैं. वो और उनके साथी व्हीलचेयर पर शास्त्रीय नृत्य कथक, भरतनाट्यम के अलावा थांग टा मणिपुरी मार्शल आर्ट, योग आन व्हीलचेयर,सालसा व कंटेपरेरी परफॉर्म करते हैं.

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