चुनाव प्रचार के दौरान रघुवर दास ने सरकार को आड़े हाथों लिया
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चुनाव प्रचार के दौरान रघुवर दास ने सरकार को आड़े हाथों लिया

झारखंड में मांडर सीट के लिए उपचुनाव होना है. इसको लेकर राज्य के सभी सियासी दलों ने ताल ठोंक दी है. सभी सियासी दल इसको लेकर अपने और अपने समर्थित प्रत्याशी को लेकर कमर कस चुके हैं. ऐसे में मांडर चुनाव बड़ा दिलचस्प हो गया है.

(फाइल फोटो)

रांची : झारखंड में मांडर सीट के लिए उपचुनाव होना है. इसको लेकर राज्य के सभी सियासी दलों ने ताल ठोंक दी है. सभी सियासी दल इसको लेकर अपने और अपने समर्थित प्रत्याशी को लेकर कमर कस चुके हैं. ऐसे में मांडर चुनाव बड़ा दिलचस्प हो गया है. इस चुनाव को लेकर भाजपा ने भी अपनी तैयारी जोरदार कर रखी है. 

ऐसे में इस सीट पर होनेवाले उपचुनाव के लिए मतदान से पहले सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास मांडर उपचुनाव को लेकर गांव-गांव पदयात्रा कर अपने प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर के लिए वोट मांग रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार के खिलाफ अपनी भड़ास भी निकाल रहे हैं.

रघुवर दास ने कहा कि हमारा प्रयास है कि भ्रष्टाचार का जो जमघट प्रदेश में लगा है. ढाई वर्षों में जिस तरह भ्रष्टाचार के नाम से झारखंड की एक पहचान बना दी गई है. जनता मांडर से मांडर बजाते हुए राष्ट्रविरोधी शक्तियों को संरक्षण देने वाली कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और आरजेडी को 23 तारीख को सबक सिखाएगी.

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रघुवर दास ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मांडर उपचुनाव की जिम्मेवारी ली है तो आकर जनता को बताए ढाई सालों में क्या-क्या किया. जैसे मैंने बताया 5 सालों में भाजपा ने क्या-क्या किया था. 2019 में जनता को गलत सपना दिखाकर भूल गए, आज झारखंड की जनता ठगा हुआ महसूस कर रही है और अब इस महाठगबंधन को वोट कर उसका जवाब देगी. 

मांडर में रहने वाले ओबीसी समाज के लोग ही अब राज्य सरकार से नफरत करने लगे हैं. जो पंचायत चुनाव में 27% आरक्षण मिलना चाहिए इस सरकार ने नहीं दिया. यह सरकार ओबीसी विरोधी है, महिला विरोधी है, किसान विरोधी है और झारखंड विरोधी है. यह सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. देश का ऐसा मुख्यमंत्री है जिन्होंने खुद अपने नाम पर ही खदान का लिज लिया. अब ओबीसी आए या मुख्यमंत्री आए झारखंड की जनता एक बार धोखा खा चुकी है, अब दोबारा जनता वोट देकर इनको सबक सिखाएगी. आज पूरा झारखंड इस सरकार को चुनकर पछता रहा है. 

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