बिहार के भागलपुर में पदस्थापित यह अधिकारी आम लोगों की सुनवाई के लिए हमेशा मौजूद रहते हैं.
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नई दिल्ली: बिहार के एक आईपीएस अधिकारी इन दिनों फिर से काफी चर्चा में हैं. कभी नक्सलवादियों के खिलाफ सामुदायिक पुलिसिंग की मुहिम चलाने वाले यह अधिकारी भारत के इतिहास के काफी अच्छे जानकार माने जाते हैं. इन दिनों उनका जनता दरबार बिहार में चर्चा का विषय बना हुआ है.
जी हां, हम बात कर रहे हैं 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी विकास वैभव की. जो फिलहाल भागलपुर के डीआईजी के रूप में पदस्थापित हैं. इस बार उनका जनता दरबार बिहार के आम लोगों के अलावा मीडिया की सुर्खियों में है. इससे पहले बिहार के बगहा में छठ पर्व के दौरान उनके नाम पर बने चौराहे के पास छठ मनाया गया था. जिसकी चर्चा मीडिया के साथ साथ सोशल मीडिया पर काफी हुई थी.
वैभव को बिहार में पदस्थापित वैसे प्रशासनिक अधिकारी के रुप में जाना जाता है. जिन्होंने कॉम्यूनिटी पुलिसिंग के माध्यम से नक्सलवाद के प्रभावित रहे रोहतास जिले के कई इलाकों में आम लोगों का पुलिस के प्रति विश्वास को बढ़ाने में कामयाबी पाई. इस दौरान उन्होंने कई नक्सलियों का सरेंडर करवाया था. इसके अलावा उनके इतिहास पर लिखे गए ब्लॉग को सिविस सर्विसेज की तैयारी करने वाले परीक्षार्थियों के अलावा आम लोग भी काफी पसंद करते हैं.
जी डि़जिटल से बातचीत में उन्होंने कहा कि आम लोगों की समस्याओं पर अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि यह सिलसिला उनके भागलपुर में पदस्थापन के बाद से लगातार जारी है.
आईआईटी, कानपुर के छात्र रहे विकास वैभव इससे पहले बिहार के रोहतास, दरभंगा, पटना के अलावा औरंगाबाद और बगहा में भी पदस्थापित रहे हैं. इसके अलावा एनआईए में भी एसपी के तौर पर भी उन्होंने कार्य किया है. बिहार के बाहुबली अनंत सिंह को पटना एसएसपी रहने के दौरान उन्होंने गिरफ्तार किया था. उन्हें आम लोगों से लगातार जुड़े रहने के कारण काफी लोकप्रिय माना जाता है.