विजय कुमार सिन्हा बिहार के चर्चित चेहरों में से एक माने जाते हैं. इससे पहले वह बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री रह चुके हैं.
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पटना: बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद पर बीजेपी का कब्जा हो गया. बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष बन गए हैं. विजय कुमार सिन्हा के पक्ष में कुल 126 मत पड़े जबकि, विपक्ष के उम्मीदवार अवध बिहारी चौधरी के पक्ष में 114 वोट पड़े. चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महागठबंधन विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव आसन तक विजय कुमार सिन्हा को लेकर आए. इसके बाद विजय कुमार सिन्हा ने अध्यक्ष का पद संभाला.
नंद किशोर की जगह विजय सिन्हा
इस बीच, दिलचस्प बात यह है कि पहले बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव का नाम चल रहा था. नंद किशोर यादव बिहार सरकार में कई बार मंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में पटना साहिब से सातवीं बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. लेकिन ऐसा क्या हुआ कि पार्टी ने नंद किशोर यादव की जगह विजय कुमार सिन्हा को इस पद के लिए चुना और कौन हैं विजय कुमार सिन्हा जिन्हें बीजेपी ने नया विधानसभा प्रमुख बनाया है.
भूमिहार वोट पर BJP की नजर!
दरअसल, विजय कुमार सिन्हा बिहार के चर्चित चेहरों में से एक माने जाते हैं. इससे पहले वह बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री रह चुके हैं. इस बार लखीसराय से चौथी बार लगातार विधायक चुने गए हैं. 54 वर्षीय विजय कुमार सिन्हा भूमिहार समाज से आते हैं. इससे पहले के विधानसभा स्पीकर विजय कुमार चौधरी, जो जेडीयू के नेता हैं और वर्तमान में मंत्री हैं, वो भी इसी समाज से आते हैं.
2024-2025 के चुनाव पर BJP की नजर
वहीं, बिहार चुनाव में बीजेपी एनडीए में सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है. कहा जाता है कि मौजूद दौर की बीजेपी अगले चुनाव की तैयारी पांच वर्ष पहले से करती है. कुछ ऐसा ही रणनीति बीजेपी की बिहार में भी है. इस बदली हुई परिस्थिति में बीजेपी 2024 के लोकसभा और 2025 के बिहार चुनाव को देखते हुए जातिय समीकरण को साधने में जुटी है. इसी के तहत पहले बीजेपी ने सुशील मोदी की जगह दो उप मुख्यमंत्री बिहार में बनाया है.
जातिय समीकरण साधने में जुटी BJP!
इसमें से एक अति पिछड़ा समुदाय से रेणु देवी और दूसरा पिछड़ी जाति तारकिशोर प्रसाद को डिप्टी सीएम बनाया है. सूत्रों के अनुसार, ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष का पद अगड़ी जाति के विधायक को देने पर पार्टी में सर्वसम्मति बनी. अगड़ी जाति में भी पार्टी ने भूमिहार जाति के विधायक को इस पद के लिए खोजना शुरू किया, जिसमें विजय कुमार सिन्हा वर्तमान में सबसे वरिष्ठ विधायक हैं. सिन्हा सुशील मोदी के करीबी भी हैं.
4.7 फीसदी है भूमिहारों की संख्या
इधर, बिहार की जातिय समीकरण की बात करें तो राज्य में अत्यधिक पिछड़ी जाति 21.1 फीसदी, मुस्लिम 14.7 फीसदी, यादव 14.4 फीसदी, ब्राह्मण 5.7, महादलित 10, दलित 4.2, कायस्थ 1.5, भूमिहार 4.7, राजपूत 5.2, कुर्मी 5.0, बनिया 7.1 फीसदी है. ऐसे में विजय कुमार सिन्हा को बीजेपी ने इस पद पर आसीन कराकर राज्य के 4.7 फीसदी मतदाताओं को रिझाने का प्रयास किया है.