इससे पहले आरजेडी के सीनियर नेता शिवानंद तिवारी ने कांग्रेस को हैसियत के मुताबिक सीट मांगने की नसीहत दी थी.
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पटना : उत्तर प्रदेश की तरह बिहार में भी अब महागठबंधन बिखरता नजर आ रहा है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, घटक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर आपसी सहमति नहीं बनी है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस पार्टी को आठ से अधिक सीट देने के लिए तैयार नहीं है. सूत्रों का कहना है कि ऐसी परिस्थिति में सभी छोटे दल आरजेडी के साथ जा सकते हैं और कांग्रेस को अकेले बिहार में चुनाव लड़ना होगा.
सूत्रों के मुताबिक, उपेंद्र कुशवाहा आरजेडी के साथ जाने के पक्ष में हैं. कांग्रेस 11 सीटों पर अड़ी हुई है, जबकि आरजेडी आठ से अधिक सीटें देना नहीं चाह रही है. महागठबंधन के सभी दलों के सीनियर नेताओं के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है.
ज्ञात हो कि इससे पहले आरजेडी के सीनियर नेता शिवानंद तिवारी ने कांग्रेस को हैसियत के मुताबिक सीट मांगने की नसीहत दी थी. उन्होंने पूछा था कि आखिर कांग्रेस किस आधार पर 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह रही है. उन्हें जनाधार का ख्याल रखकर बात करना चाहिए.
वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एकबार फिर साफ कहा है कि बिहार में उनकी हैसियत कांग्रेस से कम नहीं है. हमें कम से कम कांग्रेस से आधी सीटें मिलनी चाहिए. मांझी अपने और अपने पार्टी के स्म्मान में कांग्रेस से आधी सीटें मांग रहे हैं. वहीं, मांझी ने 18 मार्च को हर हाल में महागठबंधन के सीटों की घोषणा किये जाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस क्या करेगी यह नहीं पता लेकिन आरजेडी के साथ मिलकर सीटों का एलान किया जाएगा.
बंगाल में भी नहीं मिली कांग्रेस को सफलता
इससे पहले रविवार को पश्चिम बंगला में भी कांग्रेस पार्टी को झटका लगा. लोकसभा चुनाव को लेकर वाम दलों से गठबंधन पर बात नहीं बनी. इसके बाद कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है. प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने 42 सीटों पर पार्टी के संभावित प्रत्याशियों की एक सूची पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को भेज दी है. साथ ही गठबंधन का फैसला भी पार्टी अध्यक्ष पर छोड़ दिया है.