Bihar Politics: नीतीश के इस कदम ने बिहार का हिला डाला राजनीति का दृष्टिकोण, लालू ने भी तैयार किया प्लान- A और B
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Bihar Politics: नीतीश के इस कदम ने बिहार का हिला डाला राजनीति का दृष्टिकोण, लालू ने भी तैयार किया प्लान- A और B

Bihar News : लालू यादव की प्लान-बी में ध्यान देने योग्य है कि विधानसभा अध्यक्ष के माध्यम से राजनीतिक खेल में महत्वपूर्ण पहलू बदला जा सकता है. उच्च पदों पर बैठने का इरादा करके लालू यादव वहां से बिहार की राजनीति को अधिक प्रभावशाली बना सकते हैं. 

Bihar Politics: नीतीश के इस कदम ने बिहार का हिला डाला राजनीति का दृष्टिकोण, लालू ने भी तैयार किया प्लान- A और B

Bihar Political Crisis: बिहार में एक बार फिर से राजनीति में उठापटक शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 9 साल में चौथी बार पलटी बदलने की तैयारी कर रखी है, जिससे राजनीतिक माहौल में चरमपंथी बदलाव आ सकता है. इसके साथ ही 18 महीने पहले चाचा-भतीजा की जोड़ी मजबूत हो गई थी, लेकिन दोनों ओर आपसी आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी का दौर शुरू होने की संभावना है. जरूरत पड़ी तो, दोनों पक्षों के बीच कहीं ना कहीं एक नई सहमी युद्धभूमि का आरंभ हो सकता है, जिसमें उन्हें एक दूसरे पर आरोप लगाना हो सकता है. इस महके-महके मौसम में आरजेडी के शीर्ष नेता लालू यादव ने नीतीश कुमार के पक्ष का तानाशाही स्वीकार नहीं किया है और बिहार के राजनीतिक दृष्टिकोण को हिला दिया है. इसी के साथ लालू ने कई योजनाएं बनाई हैं जो नीतीश कुमार को आघात पहुंचाने के लिए तैयार हैं, जिसमें विभिन्न स्तरों पर योजनाएं शामिल हैं.

लालू यादव के तैयार है प्लान-ए और प्लान-बी
लालू यादव का प्लान-ए जेडीयू विधायकों को उनके पक्ष में खींचना, विशेषकर उन्हें जो बीजेपी के साथ जुड़ने के खिलाफ खड़े करना हैं. उनका मानना ​​है कि इन विधायकों को बीजेपी के साथ जाना मुश्किल महसूस हो रहा है और इसका उपयोग उनके पक्ष में किया जा सकता है. दूसरी ओर लालू यादव की प्लान-बी में ध्यान देने योग्य है कि विधानसभा अध्यक्ष के माध्यम से राजनीतिक खेल में महत्वपूर्ण पहलू बदला जा सकता है. उच्च पदों पर बैठने का इरादा करके लालू यादव वहां से बिहार की राजनीति को अधिक प्रभावशाली बना सकते हैं. इसके लिए उन्होंने एक विस्तृत योजना बनाई है और प्लान-सी के तहत आरजेडी को नीतीश कुमार के आगे के कदम का इंतजार करने का निर्णय लिया है.

जेडीयू के कुछ विधायकों से लालू यादव के है सीधे संपर्क 
इसी दौरान आरजेडी के सूत्रों के मुताबिक जेडीयू के कुछ विधायक लालू यादव के सीधे संपर्क में हैं, जिससे राजनीतिक स्थिति में उलझन उत्पन्न हो सकती है. इस तरीके से नीतीश कुमार और उनके विधायकों के बीच आपसी विरोध का संकेत मिल रहा है, जिससे बिहार की सीधी राजनीति में नई गतिशीलता आ सकती है. इस समय पर बिहारी राजनीति में बदलाव के बारे में कई चर्चाएं हो रही हैं और हर कोई नीतीश कुमार के स्थान पर किसी न किसी का उत्तराधिकारी बनाने के बारे में चर्चा कर रहा है. इसके बावजूद, तथा जेडीयू, बीजेपी, और आरजेडी के नेता अभी भी समझौते करने में जुटे हुए हैं और कोई भी स्पष्ट सूचना नहीं दी जा रही है. इस समय बीच-बीच में दोनों पक्षों के बीच कुछ सहमी बातचीत भी हो रही है, लेकिन कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है.

लालू यादव का लालटेन बुझेगा?
26 जनवरी के झंडा पहराने के बाद से ही बिहार में राजनीति पर गहरी चर्चा हो रही है और नीतीश कुमार का पाला बदलने के संकेत मिल रहे हैं. हालांकि जेडीयू, बीजेपी और आरजेडी नेताओं ने समझौते करने का मोड़ नहीं किया है और अभी भी बातचीत जारी है. कुछ बीजेपी नेताओं का मानना ​​है कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ होने चाहिए ताकि कोई चौंकाने वाली घटना न हो. वे इसके बावजूद कह रहे हैं कि जबतक विधानसभा चुनाव नहीं होता, तबतक नीतीश कुमार ही बने रहेंगे. विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार को केंद्र सरकार में या किसी अन्य प्रदेश का राज्यपाल बनाए जाने की संभावना है.

दूसरी ओर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने भी अपने बेटे तेजस्वी यादव को अगले मुख्यमंत्री बनाने के लिए सभी ताकतें लगा दी हैं. उनकी योजना है कि वह जेडीयू के कुछ विधायकों को अपने पक्ष में मोहित करें, जो पहले आरजेडी में रह चुके हैं. इस बीच आरजेडी ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे को डिप्टी सीएम बनाने का प्रस्ताव भी दिया है, लेकिन उन्होंने इसकी अस्वीकृति कर दी है.

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