Prince Raj Paswan News:प्रिंस राज की बीजेपी प्रभारी से मुलाकात से सियासी पारा चढ़ा हुआ है. कहा जा रहा है कि वह चाचा का साथ छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं. चर्चा तो ये भी है कि वह अपने भाई चिराग पासवान के पास लौट सकते हैं.
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Prince Raj Paswan News: पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के दिन कुछ अच्छे नहीं चल रहे हैं. बड़े भतीजे चिराग पासवान से तो उनकी पहले से अदावत चल रही थी. अब छोटे भतीजे प्रिंस राज पासवान भी साथ छोड़ते हुए नजर आ रहे हैं. दरअसल, होली के पावन त्योहार पर जब पूरा प्रदेश रंग में डूबा था, उसी दौरान प्रिंस राज ने बिहार बीजेपी प्रभारी विनोद तावड़े से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद सियासी अटकलों का बाजार गर्म है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि एनडीए की सीट शेयरिंग में एक बार गच्चा खा चुके पशुपति पारस के साथ अब उनके छोटे भतीजे प्रिंस राज भी बड़ा खेला कर सकते हैं. बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े के साथ मुलाकात की तस्वीर प्रिंस राज ने खुद सोशल मीडिया पर शेयर की. फोटो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रभारी बिहार प्रदेश आदरणीय विनोद तावड़े जी से सौहार्दपूर्ण माहौल में मुलाकात की एवं होली रंगोत्सव की बधाई एवं शुभकामना दीं.
प्रिंस राज की बीजेपी प्रभारी से मुलाकात से सियासी पारा चढ़ा हुआ है. कहा जा रहा है कि वह चाचा का साथ छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं. चर्चा तो ये भी है कि वह अपने भाई चिराग पासवान के पास लौट सकते हैं और उनकी पार्टी से समस्तीपुर सीट से चुनाव भी लड़ सकते हैं. बीजेपी से चाचा की नाराजगी के बावजूद वह खुलकर पीएम मोदी की तारीफ करते रहे हैं. जब उनके चाचा अलग राह चुनने की धमकी दे रहे थे, तब वह मोदी के कामकाज की तारीफ कर रहे थे.
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बता दें कि बिहार की राजनीति में दिवंगत नेता रामविलास पासवान का परिवार इन दिनों सुर्खियों में हैं. चाचा पशुपति पारस और भतीजे चिराग पासवान के बीच मतभेद पहले से चल रहे थे. हाजीपुर की सीट को लेकर पशुपति ने बीजेपी से भी संबंध खराब कर लिए हैं. एनडीए में जब उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली तो उन्होंने अपनी राह अलग कर ली. नाराजगी इतनी ज्यादा थी कि पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से ही इस्तीफा दे दिया. हालांकि, उन्होंने अभी तक एनडीए छोड़ने का ऐलान नहीं किया है. इसके बाद भी एक-एक करके उनकी पार्टी के नेता भी साथ छोड़कर जा रहे हैं. अगर प्रिंस राज ने भी पशुपति पारस से नाता तोड़ लिया, तो उनकी पार्टी जिस तरह से बनी थी, उसी तरह से विलुप्त भी हो जाएगी.