रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले में ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया है. बताया जा रहा है कि हिरासत में ही हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने राजभवन पहुंचे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा की नेता महुआ माजी ने इस बात की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हिरासत में ले लिया गया है और वे इस्तीफा देने राजभवन गए हैं.


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चंपई सोरेन ने बुधवार रात करीब 9 बजे झारखंड में राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया है. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा के अलावा महागठबंधन के सभी विधायकों के समर्थन का दावा किया है. वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हमने राज्यपाल से आग्रह किया है कि हमारा दावा सही है और हमें सरकार बनाने के लिए बुलाया जाना चाहिए. चंपई सोरेन ने 43 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. राज्यपाल ने चंपई सोरेन से कहा कि वे उनके दावे को देखेंगे और फिर फैसला लेंगे.


उधर, मिथिलेश ठाकुर ने जी न्यूज को बताया कि विधायकों ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा था. जब राज्यपाल से मिलने के लिए विधायक पहुंचे तो राजभवन ने सहयोगात्मक रवैया नहीं अपनाया और कहा कि केवल 5 विधायकों को ही अंदर आने दिया जाएगा. हालांकि इसमें तकनीकी बात यह है कि मुख्यमंत्री ने इस्तीफा दिया नहीं था और विधायक नए मुख्यमंत्री को चुनने की खबर देने राजभवन पहुंच गए थे. इसलिए विधायकों को थोड़ी ही देर में बाहर किया गया था.


इससे पहले विधायकों ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता चंपई सोरेन को अपना नेता चुन लिया है. इस तरह चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है. चंपई सोरेन विधायकों के साथ जाकर सरकार बनाने का दावा कर सकते हैं. अब यह राज्यपाल पर निर्भर करता है कि वे चंपई सोरेन को सरकार बनाने के लिए कब आमंत्रित करते हैं.


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