'RJD के लिए कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का विरोध करना असंभव', शिवानंद तिवारी ने PM मोदी के दावे को किया खारिज
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'RJD के लिए कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का विरोध करना असंभव', शिवानंद तिवारी ने PM मोदी के दावे को किया खारिज

 Bihar News in Hindi: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आरोप पर हैरानी जताई कि उनकी पार्टी ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के राजनीतिक गुरु कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का विरोध किया था.

(फाइल फोटो)

Patna: Bihar News in Hindi: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आरोप पर हैरानी जताई कि उनकी पार्टी ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के राजनीतिक गुरु कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का विरोध किया था. प्रधानमंत्री ने बिहार के जमुई जिले में एक रैली में राजद और उसकी सहयोगी कांग्रेस पर यह आरोप लगाया था. 

PM नरेंद्र मोदी ने कही थी ये बात

PM नरेंद्र मोदी ने रैली में कहा था, 'कांग्रेस-राजद गठबंधन ने हर मौके पर बिहार के गौरव को ठेस पहुंचाई है. उन्होंने कर्पूरी ठाकुर का अपमान किया क्योंकि जब हमारी सरकार ने हाल में कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया, तो इन दलों ने इसका विरोध किया.' 

शिवानंद तिवारी ने किया पलटवार

PM मोदी की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ठाकुर को करीब से जानने वाले वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने कहा, 'बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री को भारत रत्न देने का विरोध करना राजद के लिए संभव नहीं है.' उन्होंने कहा, 'दरअसल, हमारी पार्टी दिवंगत नेता के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान की मांग करती रही है, जिन्हें लालू प्रसाद हमेशा उच्च सम्मान देते रहे हैं. राजद अध्यक्ष अक्सर याद करते हैं कि जब बीमार होने पर ठाकुर का सिर उनकी गोद में था तब उनके गुरु ने अंतिम सांस ली थी.' 

कर रहे हैं लोगों को भड़काने की कोशिश

पूर्व राज्यसभा सदस्य ने कहा, 'प्रधानमंत्री का एक और झूठा दावा यह था कि हमने राम मंदिर के निर्माण का विरोध किया था. हमने हमेशा अयोध्या में विवादित स्थल को अवैध रूप से तोड़ने की आलोचना की है.'  राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने आरोप लगाया, 'ऐसा जान पड़ता है कि प्रधानमंत्री ने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है. वह 10 साल से सत्ता में हैं और ऐसा लगता है कि उनकी कोई उपलब्धि नहीं है. उनका लगभग पूरा भाषण अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ लोगों को भड़काने की ओर रहा.'

(इनपुट भाषा के साथ)

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