Bihar Politics: JDU विधायक ने किया तेजस्वी का समर्थन, क्या बजट पेश करने से पहले ही गिर जाएगी नीतीश सरकार?
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Bihar Politics: JDU विधायक ने किया तेजस्वी का समर्थन, क्या बजट पेश करने से पहले ही गिर जाएगी नीतीश सरकार?

Bihar Politics: विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले ही जेडीयू में बड़ी टूट के संकेत नजर आ रहे हैं. जेडीयू के विधायक गोपाल मंडल के तेवर बगावती नजर आ रहे हैं. उन्होंने लालू परिवार से ईडी की पूछताछ का विरोध किया है. 

जेडीयू विधायक गोपाल मंडल

Bihar Politics: बिहार का राजनीतिक तूफान उमड़-घुमड़ रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से एनडीए के साथी बन चुके हैं. बीजेपी की मदद से उन्हें 9वीं बार मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली है. सिंघासन में बैठे रहने के लिए मुख्यमंत्री को अभी बड़ी जंग जीतनी बाकी है. इस जंग में सीएम को विरोधियों से ज्यादा अपनों से खतरा महसूस हो रहा है. अगर उनके अपनों ने साथ नहीं दिया तो फिर उनका मुख्यमंत्री बने रहना बड़ा मुश्किल हो जाएगा. दरअसल, नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार को अभी सदन में बहुमत साबित करना बाकी है. कहा जा रहा है कि 10 फरवरी से शुरू हो रहे बजट सत्र में ही सरकार बहुमत साबित करेगी. 

फ्लोर टेस्ट से पहले ही जेडीयू में बड़ी टूट के संकेत नजर आ रहे हैं. जेडीयू के विधायक गोपाल मंडल के तेवर बगावती नजर आ रहे हैं. उन्होंने लालू परिवार से ईडी की पूछताछ का विरोध किया है. जेडीयू विधायक गोपाल मंडल ने राजद नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को पूरी तरह से निर्दोष बताया है. उन्होंने कहा कि लालू यादव जब किए होंगे, तब तो तेजस्वी बच्चा था. वह बिल्कुल निर्दोष है. जेडीयू विधायक ने आगे कहा कि अगर हमको कोई 5 करोड़ देगा तो हम भी रख लेंगे, फिर चाहे ईडी आए या कोई और आए.

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गोपाल मंडल ने कहा कि लैंड फॉर जॉब घोटाले में लालू यादव के बच्चों (मीसा और तेजस्वी) को निर्दोष बताते हुए कहा कि लालू राबड़ी दोषी हो सकते हैं, लेकिन उनके बच्चे नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि उस समय तेजस्वी तो बहुत छोटा था और हॉस्टल में रहता था. उसको तो झूठ का फंसाया जा रहा है. तेजस्वी बिल्कुल निर्दोष है. मीसा भारती और सब बच्चे निर्दोष हैं. जो जमीन देकर नौकरी लिया उसको पूछिये ना. उन्होंने कहा कि हमको अभी कोई देने आएगा कि 5 करोड़ रख लीजिए, तो हम एक मिनट भी देरी करेंगे क्या, रख ही लेंगे ना. लक्ष्मी आएगा तो लेंगे ही, ईडी पूछे या कोई पूछे. 

बता दें कि बिहार विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 122 का आंकड़ा होना आवश्यक है. एनडीए सरकार के पास अभी 128 विधायक हैं. इनमें से 4 विधायक जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' के हैं. वहीं राजद के नेतृत्व में महागठबंधन की स्थिति भी काफी मजबूत है. विपक्ष के पास 114 विधायक हैं. अगर लालू यादव किसी तरह से 8 विधायकों का इंतजाम और कर लें, तो फिर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने से कोई नहीं रोक सकता. राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि लालू की तरफ से जदयू में सेंधमारी की तैयारी की जा रही है.  जीतन राम मांझी को भी साधने की कोशिश हो रही है. 

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वहीं जेडीयू में टूट के संकेत एनडीए सरकार बनने के पहले दिन से ही मिल रहे हैं. एनडीए में वापसी के बाद नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के सांसदों की बैठक बुलाई थी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में जदयू के 15 सांसद ही पहुंचे थे. जानकारी के अनुसार जहानाबाद से जेडीयू सांसद चंदेश्वर प्रसाद इस बैठक में नहीं पहुंचे थे. जहानाबाद सांसद चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी पर भी भ्रष्टाचार के कई आरोप लगते रहे हैं. उनके बेटे की कंपनी को बिहार सरकार ने नियम बदलकर सरकारी एंबुलेंस चलाने का ठेका दिया था. हालांकि, हाईकोर्ट के आदेश पर इस ठेके को रद्द कर दिया गया था. जिसके बाद वह सीएम से नाराज चल रहे हैं. 

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