रांची: झारखंड की 14 लोकसभा सीटों के नतीजों से केंद्र सरकार के दो मंत्रियों अर्जुन मुंडा और अन्नपूर्णा देवी सहित दो दर्जन से भी ज्यादा दिग्गजों की सियासी किस्मत तय होगी. यह तय है कि 18वीं लोकसभा में झारखंड का प्रतिनिधित्व करने वालों में पांच नए चेहरे होंगे. सियासी परिस्थितियां ऐसी हैं कि एक महिला लीडर का भी झारखंड से संसद पहुंचना निश्चित माना जा रहा है. चुनाव मैदान में उतरे झारखंड के एक दर्जन विधायकों में से कितने सांसद बन पाते हैं, इस सवाल का जवाब भी 4 जून को मिल जाएगा.


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मौजूदा 17वीं लोकसभा में झारखंड का प्रतिनिधित्व करने वाले 14 में से पांच सांसद 18वीं लोकसभा में नहीं दिखेंगे. इनमें हजारीबाग के जयंत सिन्हा, दुमका के सुनील सोरेन, धनबाद के पीएन सिंह, चतरा के सुनील सिंह और लोहरदगा के सांसद सुदर्शन भगत शामिल हैं. ये सभी भाजपा के सांसद हैं, जिन्हें पार्टी ने अलग-अलग वजहों से इस बार टिकट नहीं दिया. जाहिर है, इन पांचों सीटों से नए चेहरे संसद में पहुंचेंगे.


चाईबासा सीट पर भाजपा की गीता कोड़ा और झामुमो की जोबा मांझी के बीच मुकाबला हुआ है. इन दोनों में से किसी का संसद पहुंचना तय माना जा रहा है. खूंटी से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की प्रतिष्ठा दांव पर है. पिछला चुनाव उन्होंने मात्र 1,440 मतों के फासले से जीता था. इस बार उनकी टक्कर पुराने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के कालीचरण मुंडा से हुई है. यह देखना दिलचस्प होगा कि अर्जुन मुंडा पिछली जीत का फासला बढ़ा पाते हैं या फिर कालीचरण मुंडा पिछली हार का अंतर पाटकर पहली बार संसद पहुंच पाते हैं या नहीं.


कोडरमा से पीएम मोदी की मंत्रिपरिषद की शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी को 'इंडिया' गठबंधन की ओर से सीपीआई एमएल के उम्मीदवार विनोद सिंह से चुनौती मिली है. गोड्डा से भाजपा के मुखर नेता निशिकांत दुबे अगर इस बार जीतने में सफल रहते हैं तो यह उनकी लगातार चौथी जीत होगी. राज्य के मौजूदा सांसदों में से पलामू से भाजपा के बीडी राम, जमशेदपुर से विद्युत वरण महतो और राजमहल से झामुमो के विजय हांसदा जीतते हैं तो यह उनकी हैट्रिक होगी. सिंहभूम से भाजपा की गीता कोड़ा, गिरिडीह से आजसू पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी, खूंटी से अर्जुन मुंडा और कोडरमा से अन्नपूर्णा देवी ने लगातार दूसरी बार संसद पहुंचने की जो लड़ाई लड़ी है, उसमें सफल होते हैं या नहीं, इसका जवाब भी चुनाव नतीजों से मिल जाएगा.


झारखंड के जिन एक दर्जन विधायकों की किस्मत दांव पर लगी है, उनमें हजारीबाग से भाजपा के मनीष जायसवाल, कांग्रेस के जेपी पटेल, गिरिडीह से झामुमो के मथुरा महतो, दुमका से इसी पार्टी के नलिन सोरेन और भाजपा की सीता सोरेन, राजमहल से लोबिन हेंब्रम, लोहरदगा से चमरा लिंडा, जमशेदपुर से झामुमो के समीर मोहंती, सिंहभूम से इसी पार्टी की जोबा मांझी, धनबाद से भाजपा के ढुल्लू महतो और कोडरमा से सीपीआई एमएल के विनोद सिंह शामिल हैं.


इनपुट- आईएएनएस


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