INDI Alliance Seat Sharing: एक वो दौर था जब नीतीश कुमार बिखरे विपक्ष को एकजुट करने निकले थे तब उनको राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने खूब दौड़ाया था. कांग्रेस नेतृत्व के कारण 12 जून 2023 को विपक्षी दलों की बैठक नहीं हो सकी थी. अब सीट शेयरिंग के लिए कांग्रेस को नीतीश कुमार की ओर से कोई तवज्जो नहीं दी जा रही.
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INDI Alliance Seat Sharing: लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में सीट शेयरिंग को लेकर अब हलचल तेज हो गई. सीटों का गणित सुलझाने के लिए बिहार में कवायद देखने को मिल रही है. इंडी गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना कांग्रेस को करना पड़ रहा है. यूपी-बिहार हो या दिल्ली-पंजाब हो या फिर महाराष्ट्र और बंगाल हर जगह कांग्रेस को हर जगह क्षेत्रीय दल आंखें दिखा रहे हैं. बिहार में तो कांग्रेस पार्टी को और ज्यादा जिल्लत का सामना करना पड़ रहा है. इंडी गठबंधन में दिल्ली बैठक के बाद नीतीश कुमार के तेवर इस कदर बदल चुके हैं कि वो कांग्रेस के साथ-साथ राजद को भी बिल्कुल भी तवज्जो ही नहीं दे रहे हैं.
एक वो दौर था जब नीतीश कुमार को राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने खूब दौड़ाया था. दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 12 जून 2023 को विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी. तब राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कारण बैठक रद्द करनी पड़ी थी. इसके बाद राजद अध्यक्ष लालू यादव आगे आए और उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व से बात की. तब कहीं जाकर 23 जून 2023 को पटना में इंडी गठबंधन की पहली बैठक संपन्न हुई. इसी बैठक में लालू यादव ने राहुल गांधी को दूल्हा बनने के लिए उकसा दिया था.
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नीतीश कुमार उस वक्त भले इस बात को नहीं समझ पाए थे, लेकिन दिल्ली बैठक में उन्हें उस बात का पूरा मतलब समझ आ गया. तभी तो नीतीश ने उसके बाद लालू यादव से भी दूरी बना ली. इतना ही नहीं लालू के करीबी ललन सिंह पर भी गाज गिरा दी. बिहार में अब सीट शेयरिंग पर बात बनने की जगह बिगड़ती ज्यादा दिख रही है. जेडीयू की ओर से साफ कहा गया है कि वह अपनी सिटिंग सीटों को नहीं छोड़ेगी. वहीं लालू की पार्टी आरजेडी भी अब 2020 वाली गलती नहीं दोहराना चाहती. नीतीश कुमार और लालू यादव ने जो फार्मूला तैयार किया है, कांग्रेस को वो स्वीकार नहीं है.
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कांग्रेस ये भी जानती है कि अकेले लड़ने की उसमें ताकत नहीं है इसलिए वह नीतीश कुमार को मनाने में जुटी हुई है. कांग्रेस अब नीतीश को इंडी गठबंधन का संयोजक बनने के लिए न्योता भेज रही है, लेकिन नीतीश कुमार हैं कि अब सुनने को ही तैयार नहीं है. जेडीयू अब इससे एक कदम और आगे बढ़ गई है. जेडीयू का साफ कहना है कि अब नीतीश को संयोजक नहीं चेहरा बनाना पड़ेगा.