RJD Candidates List: जातीय सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 17.70 फीसदी मुसलमान हैं. वहीं प्रदेश में यादवों की आबादी 14 फीसदी है.
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RJD Candidates List: लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार की सियासी तस्वीर धीरे-धीरे पूरी तरह से साफ होती जा रही है. एनडीए की ओर से पहले ही प्रदेश की सभी 40 सीटों पर कैंडिडेट उतार दिए गए हैं. अब धीरे-धीरे महागठबंधन की ओर से भी उम्मीदवार फाइनल किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में राजद ने भी अपने हिस्से की 23 में से 22 सीटों के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. इस लिस्ट में लालू यादव की दो बेटियों मीसा भारती और रोहिणी आचार्य का भी नाम शामिल है. इस लिस्ट के साथ राजद अध्यक्ष लालू यादव की कथनी और करनी का अंतर भी साफ जाहिर हो गया.
दरअसल, मोदी सरकार को घेरने के लिए लालू यादव पिछले कुछ वर्षों से जातीय जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं. उनका तर्क है कि अभी पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है. बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार के दौरान जातीय सर्वे कराया गया. हालांकि, इसका फैसला एनडीए सरकार के दौरान लिया गया था. इसके बाद भी पूरा श्रेय लालू यादव ने लूट लिया. बिहार में जातीय सर्वे होने के बाद लालू यादव ने 'जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी' का नारा सभी विपक्षी नेताओं को रटा दिया और विपक्ष पूरे देश में जातीय जनगणना कराने की मांग करने लगा. राहुल ने बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में इसे सबसे बड़े हथियार के लिए इस्तेमाल किया, लेकिन ये मुद्दा बुरी तरह से फ्लॉप साबित हुआ.
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वहीं लालू यादव अब खुद ही अपने नारे 'जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी' का पालन करते नहीं दिख रहे हैं. लोकसभा चुनाव में राजद की लिस्ट में 14 फीसदी आबादी को 8 टिकट बांटी गईं तो जिसकी भागेदारी 17 फीसदी से ज्यादा है, उसको सिर्फ 2 सीटों पर निपटा दिया. दरअसल, लालू यादव ने MY समीकरण को साधते हुए 22 में से 8 यादव और 2 मुसलमानों को टिकट दिया है. जातीय सर्वे की रिपोर्ट के हिसाब से प्रदेश में 17.70 फीसदी मुसलमान हैं. संख्या के हिसाब इनकी आबादी 2 करोड़ 31 लाख 49 हजार 925 है. वहीं प्रदेश में यादवों की आबादी 14 फीसदी है.'MY' समीकरण को मिला दें तो ये आंकड़ा 31.70 फीसदी पहुंच गया है. इसी वोटबैंक की दम पर लालू यादव ने बिहार में लगभग 15 साल तक राज किया है.