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रांची: Bihar News: नीतीश कुमार की यूपी की वाराणसी में जो की पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है वहां आयोजित रैली को कैंसिल हो जाने की सूचना बहुत पहले आ गई थी. इस मामले में बिहार माहौल काफी गरम था. अब बिहार के मुख्यमंत्री का झारखंड दौरा भी स्थगित हो गया है. दरअसल नीतीश कुमार झारखंड के रामगठ में 21 जनवरी को एक जनसभा करने वाले थे. उसके स्थगित हो जाने के बाद अब कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. सबसे पहला सवाल तो यह उठ रहा है कि पार्टी की तरफ से बिना तैयारी के हड़बड़ाहट में इस तरह का फैसला क्यों लिया गया. जिसकी वजह से दोनों जगहों की रैली कैंसिल करनी पड़ी.
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दरअसल 24 दिसबंर को 2023 में नीतीश कुमार यूपी के वाराणसी से लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी जंग का ऐलान करने के ख्याल से जनसभा करने वाले थे. यह पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है ऐसे में लग रहा था कि वह पीएम मोदी को सीधे चुनौती देने के मुड में थे, ऐसे में जनसभा से पहले ही नीतीश की रैली कैंसिल हो गई और उनकी पार्टी ने बताया कि इसका कारण उन्हें जनसभा के लिए जगह नहीं मिलना था.
बता दें कि जदयू की तरफ से नीतीश की सभा झारखंड, यूपी, हरियाणा और पश्चिम बंगाल में होने की घोषणा की गई थी जिसमें से दो सभाओं की तारीखें तो टल गई. अभी नीतीश की हरियाणा में कब जनसभा होनी है इसकी घोषणा पार्टी की तरफ से नहीं हुई है, लेकिन पश्चिम बंगाल में वाम दलों के एक कार्यक्रम में नीतीश 17 जनवरी को शिरकत करेंगे.
अब बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार झारखंड के रामगढ़ में 3 फरवरी को जनसभा करेंगे. इस बदलाव की घोषणा खीरू महतो झारखंड के जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद ने की. जब यह जानकारी मीडिया को दी जा रही थी तब जदयू के झारखंड प्रभारी और नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी भी मौजूद थे लेकिन वह मीडिया से दूर ही रहे. खीरू महतो ने बताया कि नीतीश कुमार इस दौरान काफी व्यस्त रहेंगे. ऐसे में झारखंड के कार्यक्रम की तारीख बढ़ाई जा रही है.
अब सवाल यह उठता है कि जब इंडिया गठबंधन में संयुक्त रैली या सभा की बात पर चौथी बैठक में सब सहमत थे तो नीतीश कुमार की पार्टी ने एकल रैली की कोशिश क्यों की. वहीं इस सब के बीच राहुल गांधी खुद अकेले अपनी पार्टी के लिए भारत जोड़ो न्याय यात्रा करने के लिए निकलने वाले हैं. ऐसे में साफ पता चल रहा है कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में चल रही लेटलतीफी से ज्यादा खुश नहीं हैं.