मधेपुरा: बिहार के मधेपुरा के प्रसिद्ध बाबा भोले की नगरी सिंहेश्वर में हर साल की भांति इस साल महाशिवरात्रि के मौके पर एक माह तक चलने वाले मेला का रंग हुआ भंग, डीएम ने लगाया मनोरंजन के साधन पर ग्रहण. दरअसल, मधेपुरा के सिंहेश्वर में वर्षों से महाशिवरात्रि के मौके पर एक माह तक मेला लगता है. बिहार हीं नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से भी हजारों की संख्या में लोग यहां आकर मेला में लगे विभिन्न प्रकार की मनोरंजन के साधनों का लुप्त उठाते हैं, लेकिन इस वर्ष जिला प्रशासन ने मौत की कुंआ, थियेटर तथा अन्य चित्रहार पर प्रतिबंध लगा दिया है. जबकि मेले में थियेटर और मौत की कुंआ महत्वपूर्ण मनोरंजन का साधन था. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बताया जा रहा है कि बीते कई दशक से यहां मेले में थियेटर आदि मनोरंजन के साधन लगता आ रहा है, लेकिन अचानक मेला उद्घाटन से एक दिन पूर्व डीएम ने अपना तुगलकी फरमान जारी कर इनके संचालन पर रोक लगा दिया. वहीं शोभा सम्राट थिएटर के कलाकारों की माने तो इनके लिए यही एक रोजगार का साधन है और उन्हीं के माध्यम से इनका पूरे परिवार का भरण-पोषण भी होता है. अब इन्हें चिंता इस बात की सता रही है आखिर अब परिवार का क्या होगा. 


वहीं थियेटर के प्रबंधक की माने तो एक माह से मेला में मनोरंजन की साधन थियेटर को लेकर तैयारी चल रही थी. न्यास बोर्ड से 7 लाख रुपए में एक महीने की चिन्हित जगह भी खरीद लिया गया और स्थानीय बीडीओ तथा थानेदार से परमिशन लेकर अपने निर्धारित स्थान पर थियेटर का सेटअप भी लगा लिया. इतना ही नहीं बाहर से कलाकारों को एडवांस देकर मेला में बुलाया गया. 


इनकी माने तो अब तक 30 लाख से अधिक राशि का नुकसान हुआ है. जिसकी भरपाई तत्काल संभव नहीं है. सभी कलाकार काफी दुखी हैं और सिस्टम में बैठे लोगों से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, ताकि किसी प्रकार थिएटर चालू करने अनुमति मिल जाए. हालांकि इस मामले को लेकर जब मीडिया ने डीएम से सवाल किया तो वे संचालन समिति के ऊपर मामले को रखते हुए आस्था से जुड़ी बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया. 
इनपुट- शंकर कुमार 


यह भी पढ़ें- Amit Shah Bihar Visit Live UPdates: पटना पहुंचे अमित शाह, किया कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा का अनावरण