सरकार की योजनाओं के माध्यम से ना केवल महिलाएं आर्थिक तौर पर मजबूत हुई हैं, बल्कि इसने अन्य कई महिलाओं को भी रोजगार मुहैया कराने में अहम योगदान दिया है. ऐसा ही कुछ बिहार के मधुबनी में देखने को मिला है. यहां पुनीता देवी नाम की महिला ना केवल एक सफल गृहिणी हैं, बल्कि उन्होंने सफल उद्यमी के तौर पर भी अपनी पहचान बनाई है.
मधुबनी जिले के राजनगर प्रखंड के पटवारा पंचायत की रहने वाली पुनीता देवी साल 2017 में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी थी. इसके बाद उन्होंने विभिन्न गांवों में जाकर स्वच्छता अभियान के बारे में लोगों को जागरूक करने का काम किया.
महिलाओं को संगठित करके आज वह कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुकी हैं. वह अपने घर को चलाने के साथ-साथ ही कई अन्य परिवारों को भी रोजगार दे रही हैं.
पुनीता देवी ने बताया कि मैं साल 2017 से कन्हैया गौशाला चला रही हूं, मेरे पास शुरुआत में दो-तीन गाय थी और बाद में इसकी संख्या छह से अधिक हो गई है, जिन्हें गौशाला में रखा गया है. इसके अलावा मेरे घर पर भी चार गाय हैं.
इन गायों के दूध को मार्केट में बेचा जाता है. उन्हें इस काम के लिए सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्राप्त हुई और अब वह अपने काम को पति के साथ मिलकर बढ़ा रही हैं.
पुनीता देवी ने जानकारी देते हुए कहा है कि हर व्यक्ति को जैविक खेती ही अपनानी चाहिए, जिससे स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा और साथ ही मिट्टी की भी गुणवत्ता बनी रहेगी.
वहीं, पुनीता देवी के पति अशोक कुमार यादव ने कहा कि मैं कन्हैया गौशाला को पिछले छह वर्षों से चला रहा हूं, इसका मुख्य उद्देश्य है कि पशुपालन और जैविक खेती को बढ़ावा मिले. हमारे यहां दूध की होम डिलीवरी की जाती है.
उन्होंने आगे कहा कि मेरा उद्देश्य है कि जैविक खाद को बहुत बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बारे में जागरूक करने का काम किया है, ताकि हम जहरीले अनाज से बचें और जैविक खाद के माध्यम से जमीन को उपजाऊं बनाया जाए.
इनपुट: आईएएनएस
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