जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाते हुए सोमवार को कैब को समर्थन देने के पार्टी के फैसले को निराशाजनक करार दे दिया. प्रशांत किशोर ने कहा है कि यह पार्टी के संविधान के भी खिलाफ है.
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पटना: नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Ammendment Bill) सोमवार को लोकसभा से पास हो गया. अब इसे बुधवार को राज्यसभा में लाया जा सकता है. लोकसभा में बिल के पक्ष में 311 और विरोध में मात्र 80 वोट पड़े. बिल का जेडीयू ने भी समर्थन किया जिसे लेकर अब पार्टी में विरोध के सुर उठने लगे हैं.
जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने पार्टी लाइन के खिलाफ जाते हुए सोमवार को कैब को समर्थन देने के पार्टी के फैसले को निराशाजनक करार दे दिया. प्रशांत किशोर ने कहा है कि यह पार्टी के संविधान के भी खिलाफ है.
Disappointed to see JDU supporting #CAB that discriminates right of citizenship on the basis of religion.
It's incongruous with the party's constitution that carries the word secular thrice on the very first page and the leadership that is supposedly guided by Gandhian ideals.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 9, 2019
वहीं, आपको बता दें कि ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने प्रशांत किशोर के इस बयान को उनकी निजी राय बताया है. साथ ही उन्होंने कहा है कि यह जेडीयू पार्टी की राय नही हैं.
आपको बता दें कि जेडीयू में नागरिकता संशोधन बिल को लेकरविरोध के सुर उठ रहे हैं. जेडीयू के नेता पवन के. वर्मा ने भी ट्वीट करते हुए कहा है कि मैं नीतीश कुमार से आग्रह करता हूं कि वो नागरिकता संशोधन बिल के बारे में एक बार और विचार करें. यह बिल गैर संवैधानिक, भेदभावपूर्ण और देश की एकता के खिलाफ है.
दरअसल प्रशांत किशोर के ट्वीट के बाद बिहार का सियासी तापमान बढ़ गया है. प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा था कि मैं यह देखकर काफी निराश हूं कि जेडीयू नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन कर रही है. जो धर्म के आधार पर नागरिकता के अधिकार में भेदभाव करती है. उन्होंने आगे कहा कि जेडीयू का कैब को समर्थन देना पार्टी के संविधान के भी खिलाफ है जिसमें पहले ही पन्ने पर धर्मनिरपेक्षता शब्द तीन बार लिखा है. इसके अलावा यह पार्टी की लीडरशिप के भी विपरीत है जो गांधी के आदर्शों पर चलती है.
जेडीयू आर्टिकल 370, तीन तलाक जैसे मुद्दे पर पहले भी खुलकर विरोध किया था लेकिन अब नागरिकता संशोधन बिल का समर्थन कर जेडीयू में एक बहस छिड़ गई है.