बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र समाप्त, अध्यक्ष ने कहा- 'ऐतिहासिक रहा यह सत्र'
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बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र समाप्त, अध्यक्ष ने कहा- 'ऐतिहासिक रहा यह सत्र'

बिहार विधान परिषद के मानसून सत्र में 21 दिनों तक चला जिसमें कुल 1079 प्रश्न पूछे गये 1020 स्वीकृत हुए और 511 प्रश्नों का उत्तर दिया गया.

बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र समाप्त हो गया है. (फाइल फोटो)

पटनाः बिहार विधानमंडल के मॉनसून सत्र का समापन हो गया. 21 दिन के मॉनसून सत्र में सभी दिन सुचारू रूप से चलने की बात कही जा रही है. सभापति ने कहा कि देश में इस सदन ने इतिहास बनाया है क्योंकि सभी दिन सुचारू रूप से सदन चला है.

बिहार विधान परिषद के मानसून सत्र में 21 दिनों तक चला जिसमें कुल 1079 प्रश्न पूछे गये 1020 स्वीकृत हुए और 511 प्रश्नों का उत्तर दिया गया. जबकि सत्र में कुल 303 अल्पसूचित प्रश्न पूछे गए जिसमें 282 प्रश्न स्वीकृत किया गया और 178 प्रश्नों के उत्तर दिए गए. 

वहीं, इस सत्र में कुल 776 तारांकित प्रश्न आए. 736 को प्रश्नों को स्वीकृत किया गया और 333 प्रश्नों के उत्तर दिए गए. सत्र में 214 ध्यान आकर्षण प्रश्न किए गए. जिसमें 147 प्रश्न स्वीकृत किए गए और 110 प्रश्नों का उत्तर दिया गया.

इस सत्र में कुल 178 शून्यकाल प्रश्न किए गए जिसमें 169 को स्वीकृत कर सदन पटल पर रखा गया. कुल 198 निवेदनों की सूचनायें प्राप्त हुई सदस्यों की सहमति से निवेदन समिति को सुपुर्द किया गया.

वहीं, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारुण राशिद से सत्तापक्ष विपक्ष और सरकार का आभार प्रकट किया कि 21 दिनों तक सदन सुचारू रूप से चला. उन्होंने कहा की विधान परिषद के इतिहास में पहला मौका है जिसमें सदन पूरे दिन चला जो कि देश के अन्य राज्यों के लिए मिशाल है.

विधान परिषद प्रतिपक्ष नेता राबड़ी देवी ने कहा कि सदन सुचारू रूप से चला. लेकिन सरकार कई मामलों पर जवाब नहीं दे पाई. मंत्री को जो अधिकारी लिख कर देते थे मंत्री वही पढ़ते थे. सरकार बाढ़ सुखाड़ सवालों से भागती रही. वहीं, कांग्रेस के विधान पार्षद मदन मोहन झा के बयान भी कुछ ऐसे ही थे. 

विधान पार्षद सुबोध राय सदन में अपना अनुभव काफी खराब बताया और कहा कि नए सदस्यों के लिए यह ठीक नहीं है. सदन में सरकार के जो जवाब आये वो तथ्य पूर्ण नहीं थे.