मुजफ्फरपुर रेप: ब्रजेश ठाकुर के नाम से चलते हैं कई एनजीओ, मिलता था सरकारी अनुदान
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मुजफ्फरपुर रेप: ब्रजेश ठाकुर के नाम से चलते हैं कई एनजीओ, मिलता था सरकारी अनुदान

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के मुख्य संचालत ब्रजेश ठाकुर के कारनामों की लंबी-चौड़ी लिस्ट है और एक-एक कर कई खुलासे भी लगातार हो रहे हैं. ताजा मामला स्वधार का सामने आया है, जहां से 11 महिलाएं लापता हैं. 

मुजफ्फरपुर के अलावा ब्रजेश ठाकुर की कई संस्थाएं समस्तीपुर, दरभंगा, बेतिया चल रही थीं.

पटना: मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के आरोपी और बालिका गृह के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर के कारनामों की लंबी-चौड़ी लिस्ट है और एक-एक कर कई खुलासे भी लगातार हो रहे हैं. ताजा मामला स्वधार का सामने आया है, जहां से 11 महिलाएं लापता हैं. इसको लेकर मुजफ्फरपुर के महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. इस संस्था का संरक्षक भी ब्रजेश ठाकुर है. 

दिया जाता था प्रशिक्षण
स्वधार गृह में दरअसल ऐसी महिलाओं को रखा जाता था, जो अपने परिवार से अलग हो चुकी थीं. ऐसी महिलाओं को स्वधार के जरिए रोजगार का प्रशिक्षण दिया जाता था. स्वधार गृह की मार्च में जांच हुई थी लेकिन 9 जून को जांच में पता चला कि यहां ताला लटका हुआ है. 

कौन होगा जिम्मेदार?
मुजफ्फरपुर समाज कल्याण विभाग की ओर से जांच रिपोर्ट  पटना मुख्यालय भेजी गयी और आगे की कार्रवाई के बारे में निर्देश मांगा गया था. निर्देश मिलने और एफआइआर की कार्रवाई करने में विभाग को 50 दिन से ज्यादा लग गए. ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि गायब महिलाओं के साथ 50 दिन के अंदर कोई घटना होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. 

कई और खुलासे
यह संस्था संकल्प एवं विकास समिति के तहत चलती थी. इसके अलावा भी ब्रजेश ठाकुर की कई संस्थाओं में पता चला है जिसमें बालिका गृह, जिसकी जांच से मानवता को शर्मसार करनेवाला मामला सामने आया है और इसके अलावा अल्पावास गृह, वृद्धाश्रम आदर्श महिला केंद्र, स्वधार गृह , लक्षित हस्तक्षेप परियोजना, ये सेवा संकल्प एवं विकास समिति के तहत चली थी. 

मधु चलाती थी वामा शक्ति वाहिनी
इसके अलावा आदर्श महिला शिल्प कला केंद्र, लिंक वर्कर स्कीम, भिक्षुक गृह और वामा शक्ति वाहिनी जिसकी कर्ताधर्ता ब्रजेश ठाकुर की नजदीकी मधु बतायी गई है. मधु की तलाश भी की जा रही है. आपको बता दें कि भिक्षुक गृह ब्रजेश ठाकुर को तब चलाने के लिए मिला जिस दिन बालिका गृह कांड की प्राथमिकी दर्ज हुई थी. बाथ में इसे खारिज कर दिया गया था. 

मिलता था सरकारी अनुदान
इन सभी संस्थाओं के लिए अलग-अलग स्कीम के तहत ब्रजेश ठाकुर को सरकारी स्तर से अनुदान मिलता था. मुजफ्फरपुर के अलावा इनमें से कई संस्थाएं समस्तीपुर, दरभंगा, बेतिया चल रही थीं. बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग की ओर से ब्रजेश ठाकुर की संस्था सेवा संकल्प एवं विकास समिति को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है.