बगहा से करीब 25 किमी दूर स्थित महादेवा गांव की भपसा नदी इस वक्त उफान पर है. बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया है. सेमरा, बजड़ा, घुसुकपुर पुलहवा गांव समेत लगभग आधा दर्जन गांव इससे प्रभावित हैं. गांवों में घुसे पानी के कारण 200 एकड़ खेती की जमीन कट गयी है.
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Bettiah: बगहा से करीब 25 किमी दूर स्थित महादेवा गांव की भपसा नदी इस वक्त उफान पर है. बारिश के कारण नदी का जलस्तर बढ़ गया है. सेमरा, बजड़ा, घुसुकपुर पुलहवा गांव समेत लगभग आधा दर्जन गांव इससे प्रभावित हैं. गांवों में घुसे पानी के कारण 200 एकड़ खेती की जमीन कट गयी है. गांव कटने की कगार पर है. जिस वजह से ग्रामीणों ने कई बार इस समस्या से प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया, लेकिन इसके बाद भी गांववालों की मदद नहीं की. ऐसे में अब ग्रामीण अपनी मदद के लिए खुद ही आगे आए हैं.
ग्रामीणों ने खुद निकाला 'रास्ता'
ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से 4 लाख रुपये का चंदा और एक हजार बांस एकत्रित किया. इसके बाद लगभग 2 हजार आबादी वाले इस गांव के लोगों ने खुद श्रमदान करके गांव में बांध बनाने का काम शुरु किया. ग्रामीणों के आपसी सहयोग से बांध बनाने का काम बहुत अच्छे से चल रहा था, लेकिन सैंड बैग भरने के लिये जाली नहीं मिलने से काम रुकने की कगार पर आ गया. जिसके बाद गांव की महिलायें आगे आई, जिनके सहयोग से फिर से काम शुरु हो सका.
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दरअसल, बांध निर्माण के लिये ग्रामीण महिलाओं ने सैंड बैग बनाने के लिये अपनी साड़िया सहयोग के लिये दे दीं. उसके बाद साड़ियों से सैंड बैग भरकर निर्माण किया जा रहा है. लगभग 700 मीटर लंबे इस बांध को बनाने के लिये ग्रामीण 9 दिनों से जुटें है. लेकिन प्रशासन को इस बात की भनक तक नहीं लगी है और कोई भी अधिकारी गांव वालों की सुध लेने नहीं आया.
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