बिहार के मोतिहारी में एक भ्रष्टाचार मामला सामने आया है. ये मामला रक्सौल नगर परिषद का है, यहां नगर परिषद की सभापति उषा देवी और कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनंद ने करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार गबन किया है.
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Motihari: बिहार के मोतिहारी में एक भ्रष्टाचार मामला सामने आया है. ये मामला रक्सौल नगर परिषद का है, यहां नगर परिषद की सभापति उषा देवी और कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनंद ने करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार गबन किया है. शहर में पशुवध शाला निर्माण के लिए जमीन खरीद में आवसीय जमीन को व्यावसायिक भूखंड दिखाकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है. रक्सौल नगर परिषद ने करोड़ो रुपए की भी साफ-सफाई कर कर दी है. दरअसल, रक्सौल शहर में पशुवध शाला निर्माण के लिए जमीनी खरीद में करोड़ों का घालमेल किया गया है. आवसीय जमीन को व्यावसायिक भूखंड दिखा कर करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया.
नगरपरिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनंद ने दो लोगों से जमीन खरीद के लिए महादानामा का एग्रीमेन्ट बनाया और बिना रजिस्ट्री कराए तीन किश्तों मे 5 करोड़ 91 लाख 36 हजार 154 रुपए का भुगतान कर दिया. वो भी इस शर्त पर की एग्रीमेंट के 14 महीने के भीतर कुल भुगतान करके जमीन का रजिस्ट्री करा लेंगे, नही तो एडवांस के रूप में अग्रिम भुगतान द्वितीय पक्ष ( जमीन मालिक) का होगा. इसके अलावा द्वितीय पक्ष कोर्ट में जाकर 11% ब्याज के साथ अतिरिक्त रुपए भी वसूल कर सकता है. इससे साफ है कि एग्रीमेन्ट का रुपए नहीं देने पर नगर परिषद की 6 करोड़ रुपया जमीन मालिक की हो जाने के साथ ही 11 % अतिरिक्त ब्याज लेने का अधिकार भी जमीन मालिक को दे दिया गया.
बता दें कि पहला एग्रीमेंट में दस्तावेज संख्या 2852 है, जिसका जमीन मालिक नीलम सिंह, खाता 24, खेसरा 1627 एवं रकवा 5 . 68 डिसमिल, इसी दस्तावेज में दूसरा खाता नंबर 52, खेसरा नंबर 1628 एवं रकवा 31.28 डिसमिल है. दोनों जमीन मिलाकर कुल 36.96 डिसमिल है. दूसरा एग्रीमेंट का दस्तावेज संख्या 2853 है. इसमें जमीन मालिक नीरज कुमार और निवेदिता कुमारी हैं. इसका खाता नंबर 107, खेसरा नंबर 1622 एवं रकवा 3 .23 डिसमिल है. पहला एग्रीमेंट वाला 36.96 डिसमिल जमीन चौहदी एवं दस्तावेज के हिसाब से नहरी रोड में है, जोकि एक घरेलू जमीन है.
दूसरा एग्रीमेंट कि 3.23 डिसमिल जमीन पंकज चौक के करीब मेन रोड में है, लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी ने दोनों जमीन के खाता, खेसरा, रकवा एवं चौहदी अलग अलग होने के बावजूद व्यवसाई मूल्य में जमीन खरीदने का एग्रीमेंट कर लिया. निबंधन विभाग के अनुसार नहरी रोड के जमीन अधिकतम 9 लाख प्रति डिसमिल एवं मेन रोड की जमीन 35 लाख प्रति डिसमिल रेट निर्धारित है, परंतु नगरपरिषद एवं निबंधन विभाग की मिली भगत से सभी जमीन को 35 लाख प्रति डिसमिल से खरीदने का एग्रीमेंट कर लिया, जो जमीन 9 लाख रुपए के रेट से 3 करोड़ 32 लाख 64 हजार में होती है, उसे 12 करोड़ 93 लाख 60 हजार में खरिदने का एग्रीमेंट किया गया और जानबूझकर एग्रीमेंट में ऐसा शर्त लगा दिया गया की कार्यपालक पदाधिकरी सहित अन्य को सीधा लाभ मिल सके.
जानकरी के अनुसार एग्रीमेंट के अग्रिम भुगतान के 50 लाख रुपया कमीशन के रूप में कार्यपालक पदाधिकारी के मुजफरपुर स्थित रिश्तेदार के होटल में पहुंचाया गया था, बाकि रुपए का बंदरबांट हुआ है. मोतिहारी डीएम शीर्षत कपिल अशोक के द्वारा गठित जांच टीम ने जांच में रक्सौल नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनंद, मुख्य पार्षद उषा देवी एवं निबंधन कार्यालय के निबंधन पदाधिकारी दोषी पाए गए हैं.
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