Lok Sabha Election 2024: BJP प्रत्याशी के लिए वोट मांगने पहुंचे नीतीश कुमार के मंत्री, विरोध में मुर्दाबाद सुनकर लौटे
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Lok Sabha Election 2024: BJP प्रत्याशी के लिए वोट मांगने पहुंचे नीतीश कुमार के मंत्री, विरोध में मुर्दाबाद सुनकर लौटे

Lok Sabha Elections 2024: जेडीयू के कद्दावर नेता और नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी ने जनसंपर्क अभियान के तहत बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट मांगे थे. हालांकि, इस दौरान एक गांव में उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा.

मंत्री अशोक चौधरी

Lok Sabha Elections 2024: बिहार में लोकसभा चुनाव को लेकर अब एनडीए और महागठबंधन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. दोनों गठबंधनों के नेता अब ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं तो प्रत्याशी जनसंपर्क में जुटे हुए हैं. इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (रविवार, 7 अप्रैल) को फिर बिहार पहुंच रहे हैं. यहां वे एक चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे और बीजेपी प्रत्याशी विवेक ठाकुर के पक्ष में वोट मांगेंगे. पीएम मोदी की रैली से पहले नीतीश कुमार के करीबी मंत्री और जेडीयू के कद्दावर नेता अशोक चौधरी ने जनसंपर्क अभियान के तहत बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट मांगे थे. हालांकि,  इस दौरान एक गांव में उन्हें भारी विरोध का सामना करना पड़ा था. अशोक चौधरी को बरबीघा के सामस बुजुर्ग गांव में भारी विरोध का सामना करना पड़ा. आक्रोशित लोगों ने मंत्री के विरोध में मुर्दाबाद के नारे भी लगाए.

विरोध कर रहे ग्रामीणों ने मीडिया को बताया कि मंत्री अशोक चौधरी की वजह से गांव के विष्णु धाम मंदिर का विकास नहीं हो सका. ग्रामीणों के मुताबिक, मंत्री अशोक चौधरी के करीबी होने के कारण गांव के उफ-मुखिया अपनी मनमर्जी किया करते हैं. वो सिर्फ अपने लोगों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाते हैं. ग्रामीणों ने आगे कहा कि कुछ दिन पहले गांव वालों ने गांव के तालाब की मिट्टी रेलवे को देने का फैसला लिया था. इससे जो पैसा मिलता उसका उपयोग गांव में बने विष्णु धाम मंदिर के विकास में लगवाने का प्लान था. लेकिन गांव के उप-मुखिया तथा उनके भाई ने इसका विरोध कर दिया और रेलवे को मिट्टी नहीं उठाने दी. इससे लाखों रुपयों का नुकसान हो गया. गांववालों का कहना है कि उप-मुखिया के कहने पर मंत्री अशोक चौधरी ने जिलाधिकारी को फोन करके काम रुकवाया था. 

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इस मामले में मंत्री अशोक चौधरी के करीबियों का कहना है कि गांव वालों को मंत्री जी के खिलाफ भड़काने का काम किया गया है. यह गांव के दो गुटों का आपसी मामला है. इसमें मंत्री अशोक चौधरी की तरफ से किसी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है. मंत्री के करीबियों ने कहा कि नाराज लोगों से मिलकर जल्द मामले का निपटारा किया जाएगा. बता दें कि इससे पहले दिन में भी लोगों ने मंत्री अशोक चौधरी का जोरदार विरोध किया था. लोगों ने अशोक चौधरी को वापस जाने की बात कही थी. लोग इतने उग्र हो गये थे कि उन्हें शांत कराने के लिए पुलिस को उतरना पड़ गया था. काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने लोगों को शांत कराया था.

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