एके-47 मामले में एनआईए ने जांच शुरू कर दी, लेकिन इसकी भनक किसी को नहीं लग पा रही है.
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मुंगेर : शहर के दो थानों में दर्ज 20 एके-47 की बरामदगी के छह मामलों में से एक पर एनआईए ने पड़ताल शुरू कर दी है. सात सितम्बर को दर्ज कांड संख्या 323/18 में जांच एजेंसी ने पड़ताल शुरू की है. तीन एके-47 बरामद होने पर शमशेर आलम और उसकी बहन रिजवाना बेगम को गिरफ्तार किया गया था. शमसेर के बयान पर ही 26 लोगों को नामजद किया गया था.
वहीं, 20 एके-47 की बरामदगी के मामले में जमालपुर और मुफसिल थाना क्षेत्र में दर्ज छह मामले में एक मामले को एनआईए को सौंपे जाने के मामले में जिला एसपी बाबू राम ने बताया कि बरदह गांव में छापेमारी के दौरान बरामद तीन एके-47 के मामले को एनआईए को सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि अन्य मामलों में अनुसंधान जारी है. उन्होंने कहा अगर बाकी मामलो के लिए भी प्रस्ताव आते हैं तो उन्हें एनआईए को सौंप दिया जाएगा.
जानकरी के अनुसार, एके-47 मामले में एनआईए ने जांच शुरू कर दी, लेकिन इसकी भनक किसी को नहीं लग पा रही है. जानकारी इकट्ठा करने के लिए एनआईए अभी मुंगेर पुलिस की मदद ले रही है. सूत्रों की माने तो कुछ लोगों से पूछताछ भी की गई है. एनआईए की गतिविधियों के बारे में अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं.
एके-47 मामले में 21 आरोपी गिरफ्तार
जिला पुलिस द्वारा अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि जबलपुर पुलिस के द्वारा चार और पटना पुलिस के द्वारा एक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही एक आरोपी पूर्व से ही जेल में बंद है.
एके-47 गिरोह का कैसे हुआ था खुलासा?
29 अगस्त को जमालपुर थाना क्षेत्र के जुबली बेल चौक के समीप पुलिस ने 3 एके-47 के साथ मोहम्मद इमरान को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद पूछताछ के क्रम में बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ था. इमरान ने पुलिस को बताया कि यह हथियार जबलपुर के ऑर्डिनेंस डिपो से पुरुषोत्तम लाल रजक के माध्यम से सप्लाई किया जा रहा है. इसके बाद जबलपुर पुलिस ने पुरुषोत्तम लाल रजक सहित ऑर्डिनेंस डिपो के स्टोर कीपर सुरेश ठाकुर के साथ चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.