पटनाः बिहार की सरकार अब लग्जरी सफर को अलविदा कहने की तैयारी कर रही है. सीएम नीतीश कुमार के बाद अब उनकी सरकार के मंत्री और अधिकारी भी इलेक्ट्रिक कार से सफर करेंगे. यह सारी कवायद पर्यावरण बचाने के लिए होगी. परिवहन विभाग योजना को लेकर मसौदा तैयार कर रहा है. जिसे सीएम की मंजूरी मिलते ही लागू कर दिया जाएगा.


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बिहार सरकार पर्यावरण बचाने की कवायद में जुट गयी है. पेड़ लगाने के साथ-साथ अब अगला लक्ष्य पेट्रोल डीजल वाहनों की संख्या में कटौती भी करना है. इसके लिए सीएम नीतीश कुमार खुद रोल मॉडल बने हैं. नीतीश कुमार के बाद अब बिहार सरकार के तमाम मंत्रियों और अधिकारियों को इलेक्ट्रिक कार सरकार की ओर से उपलब्ध करायी जाएगी. 


परिवहन विभाग इसके लिए मसौदा तैयार करने में जुट गया है. परिवहन विभाग के परिवहन सचिव संजय अग्रवाल कहते हैं कि मंत्रियों को इलेक्ट्रिक कार मुहैया कराने पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री लेंगे. लेकिन विभाग ने इलेक्ट्रिक कार और बाइक को प्रमोट करने की तैयारी पूरी कर ली है. फिलहाल पूरे शहर में कार के लिए 20 चार्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे. सरकार ने इलेक्ट्रिक कार और चार्जिंग स्टेशन पर जीएसटी की मात्रा घटाकर पांच फीसदी कर दी है. ताकि ज्यादा से ज्यादा से ज्यादा लोग इसका फायदा ले सकें.



इधर बिहार सरकार के भू राजस्व विभाग के मंत्री रामनारायण मंडल भी इलेक्ट्रिक कार के हिमायती नजर आ रहे हैं. रामनारायण मंडल ने कहा है कि सीएम खुद इलेक्ट्रिक कार की सवारी कर रहे हैं. अगर हमलोगों के लिए भी इलेक्ट्रिक कार आती है तो इसमें कोई परेशानी नहीं.


इलेक्ट्रिक कार को फल चार्ज करने में लगभग 4 घंटे का वक्त लगता है. एकबार चार्ज हो जाने के बाद ये 142 किलोमीटर का सफर तय कर सकती है. साथ ही इसकी रफ्तार भी सौ किलोमीटर प्रतिघंटा तक ले जायी जा सकती है. शुरुआती दौर में इसे सरकार के मंत्री, विधानसभा के अध्यक्ष,विधानपरिषद के सभापति को मुहैया कराया जाएगा. उसके बाद विभाग के प्रधान सचिव, सचिव, डीजी स्तर के तमाम अधिकारियों , डीएम एसपी तक को इलेक्ट्रिक कार देने की तैयारी की जा रही है.


फिलहाल जो गाड़ी मंत्री अधिकारियों को देने की तैयारी चल रही है उसकी कीमत 11 लाख रुपये है. जबकि ज्यादातर  अधिकारी और मंत्री फिलहाल ऐसी गाड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसकी कीमत 25 से 27 लाख आती है.