पीआईएल फोरम की जनहित याचिका पर सीजे संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए, नीतीश कुमार सरकार को जल निकासी व्यवस्था का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया है.
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पटना: सरकारी दावों के बावजूद पटना में कुछ घंटों की बारिश (Rain) में भयंकर जलजमाव (Waterlogging) की स्थिति पर, पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) ने सुनवाई करते हुए, राज्य सरकार को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.
पीआईएल (PIL) फोरम की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए, नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार को जल निकासी व्यवस्था का पूरा ब्यौरा देने का निर्देश दिया है.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शशि भूषण कुमार ने कोर्ट को बताया कि, सरकार के दावों और वादों के बाद भी जलजमाव की समस्या पटना के विकराल रूप ले रही हैं. बता दें कि, इससे पूर्व अधिवक्ता एसके शर्मा ने भी इस समस्या को लेकर नब्वे के दशक में जनहित याचिका दायर की थी.
जानकारी के मुताबिक, काफी दिनों तक कोर्ट ने जलजमाव समस्या की सुनवाई की और कई आदेश निर्देश जारी करने के बाद भी, स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही हैं. आज भी पटना के हर क्षेत्र में जलजमाव की समस्या बनी रहती है.
जलनिकासी की व्यवस्था सही नहीं होने के कारण जलजमाव की समस्या और भी गंभीर हो जाती हैं. पटना में बहादुरपुर हाउसिंग कॉलनी, राजेन्द्र नगर, कंकड़बाग, हनुमान नगर समेत कई अन्य इलाके जलजमाव से बुरी तरह प्रभावित होते हैं. इस मामलें पर अगली सुनवाई 6 जुलाई को होगी.