बिहार में दिखा जल जीवन हरियाली का असर, अधिकारियों ने इस तरह बचाई बिजली
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बिहार में दिखा जल जीवन हरियाली का असर, अधिकारियों ने इस तरह बचाई बिजली

साल 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में 25 से 30 फीसदी बिजली की बचत की गई है. बिजली बचत दो तरीके से हो रहीं है- पहला जरुरत के हिसाब से इस्तेमाल करना तो दूसरा, सौर ऊर्जा (Solar energy) प्लांट लगाना. 

सीएम नीतीश के अधिकारियों ने जबरदस्त तरीके से उर्जा बचाने का काम किया है.

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का जल जीवन हरियाली (Jal Jeevan Hariyali) का असर दिखने लगा है. सीएम नीतीश कुमार के अधिकारियों ने जबरदस्त तरीके से उर्जा बचाने का काम किया है.

पटना समेत कई जिलों में उर्जा संरक्षण में जबरदस्त इजाफा हुआ है. साल 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में 25 से 30 फीसदी बिजली की बचत की गई है. बिजली बचत दो तरीके से हो रहीं है- पहला जरुरत के हिसाब से इस्तेमाल करना तो दूसरा, सौर ऊर्जा (Solar energy) प्लांट लगाना. 

सीएम नीतीश कुमार के निर्देश पर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने उर्जा बचाने की मुहीम पिछले तीन महीने पहले ही शुरू की थी. मुहिम में सभी सरकारी विभाग से कहा गया था कि जरुरत के हिसाब से बिजली उपकरण का प्रयोग करें. चैम्बर में  बिना किसी काम के बिजली उपकरण जैसे एसी, लाइट, फैन को आन ना रखें. 

मुख्य सचिव की अपील का असर करने लगा है. जल जीवन हरियाली के तहत सौर उर्जा को प्रोत्साहन और उर्जा की बचत के आंकड़े देखें तो पटना कमीशनरी ऑफिस में ही सौर ऊर्जा और उर्जा बचत से 90 फीसदी तक बिजली बचाई गई है.

पटना जिले में सबसे ज्याद 1180 सरकारी बिल्डिंग हैं. इन बिल्डिंगों में अक्टुबर 2018 में कुल एक करोड़ 22 लाख 36 हजार 799 रुपए का बिजली बिल भरे गए थे. वहीं, इसी दौरान वर्ष 2019 में जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत के बाद यह राशि मात्र 1 करोड़ 19 लाख 50 हजार 843 रुपए पटना जिले में भवन निर्माण विभाग ने सबसे अधिक बिजली बिल सेव की है.

इस विभाग का सेविंग प्रतिशत तकरीबन 39 फीसदी है. वहीं, कैमूर जिले में शिक्षा विभाग ने सबसे अधिक बिजली बचत की. शिक्षा विभाग ने कुल 20 फीसदी की बिजली बचाई है. कैमूर जिले में बिजली 17 फीसदी बचाई गई.

इधर, रोहतास जिले में भी इनर्जी सेविंग की गई है. रोहतास जिले में कुल दस फीसदी की बचत की गई तो, रोहतास में ही स्वास्थ्य विभाग ने 18 फीसदी और शिक्षा विभाग ने 13 फीसदी उर्जा की बचत की. भवन निर्माण विभाग के सरकारी आफिस में आठ फीसदी बिजली सेविंग हुई है.

वहीं, बक्सर जिलों में भी 19 फीसदी की बिजली सेविंग की गई. स्वास्थ्य विभाग ने 30 फीसदी, शिक्षा विभाग 25 फीसदी, भवन निर्माण विभाग 15 फीसदी और अन्य विभागों में भी 13 फीसदी बिजली सेविंग की गई है.

इधर, पटना कमिश्नर संजय अग्रवाल ने कहा कि सरकारी इमारतों में बिजली सेविंग में सफलता मिलने के बाद इसे आम लोगों तक ले जाया जा रहा है. आने वाले दिनों में बिहार की जनता के बीच बिजली सेविंग की जा रहीं है. जिसकी शुरुआत किसानो से की गई है. किसानों को सौर पंपसेट के सहारे इसे आगे बढ़ाया जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद लोगों को जल जीवन हरियाली जागरुकता सम्मेलन कर लोगों को जागरुक कर रहें हैं.