तेजस्वी यादव के बनाए नियम के कारण ही अब राबड़ी देवी को छोड़ना पड़ सकता है बंगला
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तेजस्वी यादव के बनाए नियम के कारण ही अब राबड़ी देवी को छोड़ना पड़ सकता है बंगला

राबड़ी देवी जिस बंगले में रह रही हैं वो अन्य पूर्व मुख्यमंत्री के बंगले की तुलना में काफी बड़ा है. राबड़ी देवी यहां लंबे समय से अपने परिवार के साथ रह रही हैं.

राबड़ी देवी को खाली करना पड़ सकता है 10, सर्कुलर रोड वाला बंगला. (फाइल फोटो)

पटना : पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगला खाली करने को लेकर पटना हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब बिहार के कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को अपना बंगला छोड़ना पड़ेगा. ऐसे ही पूर्व मुख्यमंत्री में शामिल राबड़ी देवी के सामने भी बंगला का संकट आ खड़ा हुआ है. हालांकि पूरे मामले पर बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री ने लालू परिवार पर तंज कसा है. महेश्वर हजारी ने कहकर सियासी पारा चढ़ा दिया है कि एक बंगले के चक्कर में लालू परिवार को दूसरा बंगला भी गंवाना पड़ा.

तेजस्वी यादव के बाद राबड़ी देवी को भी अपना सरकारी बंगला छोड़ना पड़ेगा. राबड़ी देवी पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते पटना का 10, सर्कुलर रोड के बंगले में 2005 से रह रही हैं.
लेकिन पटना हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री को आजीवन सरकारी बंगला दिए जाने के फैसले को गलत ठहरा दिया है. ऐसे में बिहार बिहार के कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने पड़ जायेगा. ऐसे ही पूर्व मुख्यमंत्री में जीतन राम मांझी, जगन्नाथ मिश्र, सतीश कुमार और राबड़ी देवी का नाम शामिल है.

कोर्ट के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर राबड़ी देवी पर पड़ेगा. राबड़ी देवी जिस बंगले में रह रही हैं वो अन्य पूर्व मुख्यमंत्री के बंगले की तुलना में काफी बड़ा है. राबड़ी देवी यहां लंबे समय से अपने परिवार के साथ रह रही हैं. तेजस्वी और तेजप्रताप इसी बंगले में बड़े हुए हैं. वैसे भी हाल ही तेजस्वी यादव को को अपना पसंदीदा 5, देशरत्न मार्ग का सरकारी आवास सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद छोड़ना पड़ा है. अब 10, सर्कुलर रोड का बंगला छोड़ने का मामला लालू परिवार पर दोहरी मार है.

पूरे मामले पर आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने कोर्ट का सम्मान किये जाने की बात कही है. लेकिन इशारों ही इशारों में यह भी कहते हैं कि दूसरे बंगला छोड़ेंगे तो राबड़ी देवी भी बंगला खाली कर देंगी. आरजेडी नेता का इशारा नीतीश कुमार को पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से मिले सरकारी बंगले की तरफ है.

बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी ने आरजेडी की तरफ से उठने वाले सवाल का जवाब अपने अंदाज में दे दिया है. महेश्वर हजारी ने कहा है कि जिस बंगले को लेकर आरजेडी सवाल उठा रही है वह बंगला मुख्य सचिव के नाम पर अलॉट हो चुका है. मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग वाले भवन में रेट्रो फिटिंग का काम चल रहा था, इसलिए मुख्यमंत्री को वैकल्पिक भवन उपलब्ध कराया गया था. लालू परिवार पर अगर बंगले का संकट आया है तो इसके लिए वे खुद जिम्मेवार हैं. एक बंगले को बचाने को लेकर वो कोर्ट गए थे इसी चक्कर मे उन्होंने दूसरा बंगला भी गंवा दिया.

दरअसल, बीते दिनों तेजस्वी यादव ने अपने 5 देशरत्न मार्ग वाले बंगले को बचाने के लिए हाइकोर्ट की डबल बेंच में अपील की थी. अपने बचाव में तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से वर्तमान के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से भी बंगला रखने की दलील दी थी. जिसपर संज्ञान लेते हुए पटना उच्च न्यायालय ने इसे जनता के गाढ़ी कमाई का दुरुयोग बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री को आजीवन सरकारी बंगला बंगला अलॉट किये जाने के फैसले को गलत ठहरा दिया है.

तेजस्वी यादव के भवन निर्माण मंत्री रहते हुए कुछ बंगलों के लिए नियम बने थे कि इसे पूर्व मुख्यमंत्रियों को ही दिया जाएगा. मामले पर हाइकोर्ट की पहली आपत्ति के बाद ही मुख्यमंत्री नीतीश ने पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत की ओर से उन्हें मिला बंगला खाली कर दिया. अब राबड़ी देवी और दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री को भी बंगला खाली करना पड़ेगा.

वैसे चर्चा इस बात की भी है कि राबड़ी देवी बिहार विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष भी हैं. इस नाते उन्हें एक बंगला मिलना चाहिए. लेकिन वह बंगला 10, सर्कुलर रोड का ही होगा यह जरूरी नहीं. तेजस्वी यादव के मंत्री रहते हुए बने नियम के कारण अब राबड़ी देवी को 10 सर्कुलर रोड का बंगला खाली करना पड़ सकता है. अब बंगले के लिए लालू परिवार पूरी तरह नीतीश सरकार की कृपा के ही भरोसे आ चुका है.