पटना आसरा होम को अप्रैल से अगस्त तक मिले 32 लाख, 3 लाख का ही हिसाब दे पाई मनीषा दयाल
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पटना आसरा होम को अप्रैल से अगस्त तक मिले 32 लाख, 3 लाख का ही हिसाब दे पाई मनीषा दयाल

 आसरा होम में दो लड़कियों की मौत के बाद आसरा होम के संचालक चिरंतन और संचालिका मनीषा दयाल को पुलिस ने दो दिनों की रिमांड पर लिया था. 

अप्रैल से लेकर अगस्त तक आसरा होम को  समाज कल्याण विभाग से 32 लाख रूपए दिए गए थे. (फाइल फोटो)

पटना: बिहार के पटना आसरा गृह कांड में धीरे-धीरे मनीषा दयाल से जुड़े कई खुलासे हो रहे हैं. आपको बता दें कि आसरा होम में दो लड़कियों की मौत के बाद आसरा होम के संचालक चिरंतन और संचालिका मनीषा दयाल को पुलिस ने दो दिनों की रिमांड पर लिया था. 

दरअसल पुलिस ने मनीषा और चिरंतन के पास से आधा दर्जन खाते बरामद किए थे. जिसमें यह बात सामने आई थी कि अप्रैल से लेकर अगस्त तक आसरा होम को 32 लाख रूपए दिए गए थे. ये पैसे पटना आसरा होम को समाज कल्याण विभाग से जारी हुए थे. 

पहली बार में 17 लाख तो दूसरी बार में शेल्टर होम को 15 लाख रूपए दिए गए थे. जब रिमांड पर पुलिस ने मनीषा दयाल और चिरंतन से इन पैसों का हिसाब मांगा तो वो तीन लाख से अधिक का ब्यौरा नहीं दे पाए. दोनों पुलिस को सिर्फ तीन लाख का ही ब्यौरा दे पाए. 

दरअसल आसरा होम के लिए कई चीजें खरीदी जानी थी, जिन्हें उन्होंने नहीं खरीदा था लेकिन वो पैसे निकाल लिए गए थे. सिटी एसपी अमरकेश के अनुसार दोनों पूछताछ में पैसों का हिसाब नहीं दे पा रहे हैं इसलिए जरूरत पड़ने पर दोनों को फिर से रिमांड पर लिया जा सकता है. 

आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले भी मनीषा दयाल से जुड़ा नया खुलासा हुआ था कि मनीषा दयाल को लखीसराय में गैरकानूनी तरीके से मनरेगा के तहत पौधारोपण का ठेका भी दिया गया था. इतना ही नहीं गैर कानूनी रूप से ठेका हासिल करने के बाद मॉस्टररॉल बनाकर लाखों रुपये की निकासी कर ली गई. 

यह गबन उस समय हुआ था जब मुंगेर के आयुक्त एसएम राजू और लखीसराय के डीएम सुनील कुमार थे. गबन का खुलासा होते ही कोर्ट के आदेश पर मनीष दयाल के खिलाफ फरवरी 2018 में प्राथमिकी दर्ज की गई. मनीषा दयाल के एनजीओ ग्रीन लीफ इनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को लखीसराय में पौधारोपण के लिए पौधे सप्लाई करने का दो बार ठेका मिला.