Bihar: सीमावर्ती जिलों में घुसपैठ को लेकर गृहमंत्री अमित शाह सतर्क, सुरक्षा बलों को निगरानी बरतने का दिया निर्देश
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Bihar: सीमावर्ती जिलों में घुसपैठ को लेकर गृहमंत्री अमित शाह सतर्क, सुरक्षा बलों को निगरानी बरतने का दिया निर्देश

  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को बिहार दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने सीमावर्ती जिले किशनगंज में सुरक्षा बलों के साथ अहम समीक्षा बैठक की.

 (फाइल फोटो)

Patna:  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार को बिहार दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने सीमावर्ती जिले किशनगंज में सुरक्षा बलों के साथ अहम समीक्षा बैठक की. जानकारी के मुताबिक गृहमंत्री ने बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के कुछ सीमावर्ती जिलों में जनसांख्यिकीय परिवर्तन को देखते हुए घुसपैठ, तस्करी और अवैध अप्रवासियों को फर्जी पहचान पत्र बांटने के खिलाफ अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं.

 सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर की समीक्षा

अमित शाह ने शनिवार को बिहार के किशनगंज में सीमा सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के महानिदेशकों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान बीएसएफ उत्तर बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर उभरती चुनौतियों और उनसे निपटने की रणनीतियों पर विस्तृत प्रस्तुति दी. बैठक में सिलीगुड़ी गलियारे की सुरक्षा सहित भारत-बांग्लादेश, भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं पर सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर समीक्षा की गई.

सीमा सुरक्षा बल से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री ने सीमा पार अपराधियों और राष्ट्र विरोधी तत्वों की नापाक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए चौबीसों घंटे सीमा पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा सीमावर्ती जिलों में जनसांख्यिकीय परिवर्तन को देखते हुए घुसपैठ, तस्करी और अवैध अप्रवासियों को फर्जी पहचान पत्र बांटने के खिलाफ अतिरिक्त सतर्कता बरतने के सुरक्षबलों को निर्देश भी दिए गए हैं.

दरअसल बिहार का सीमावर्ती जिला किशनगंज मुस्लिम बहुल इलाका है. वहीं सूत्रों के मुताबिक बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों से अवैध अप्रवास के कारण जनसांख्यिकीय परिवर्तन सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. अमित शाह ने किशनगंज में जानकारी दी कि 2014 में केन्द्र में उनकी सरकार बनने के बाद सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाया गया है. 2008 से 2014 के बीच, लगभग 23,700 करोड़ रुपए खर्च किए गए, लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद 23,700 करोड़ रूपए से बढ़ाकर 44,600 करोड रुपए खर्च किए गए हैं.

(इनपुट एजेंसी के साथ) 

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