केंद्र सेविका चंपा देवी का कहना है कि आंगनबाड़ी को लेकर कई बार संबंधित विभाग को सूचना दी गई है, लेकिन बाल विकास परियोजना के पदाधिकारी इस पर कोई ध्यान देने का विचार नहीं कर रहे हैं. अगर समय रहते हुए इस केंद्र पर ध्यान नहीं दिया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
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गिरिडीह: गिरिडीह के बक्सीडीह पंचायत में एक ऐसा गांव है जहां आंगनबाड़ी केंद्र मौत को न्योता दे रहा है. दरअसल, आंगनबाड़ी केंद्र पूरी तर से जर्जर है यहां आने बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ते है. केंद्र के जिस कमरे में भोजन बनाया जाता हो वो भी पूरी तरह से जर्जर है. बरसात के दिनों में छतों से पानी गिरता रहता है. अगर समय पर इस केंद्र संबंधित विभाग ने ध्यान नहीं दिया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
केंद्र सेविका चंपा देवी का कहना है कि आंगनबाड़ी को लेकर कई बार संबंधित विभाग को सूचना दी गई है, लेकिन बाल विकास परियोजना के पदाधिकारी इस पर कोई ध्यान देने का विचार नहीं कर रहे हैं. अगर समय रहते हुए इस केंद्र पर ध्यान नहीं दिया तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. साथ ही कहा कि केंद्र पूरी तरह जर्जर है बच्चों को यहां बुलाने में भी डर लगा रहता है.
आंगनबाड़ी केंद्र में 25 बच्चे वर्तमान में पढ़ाई कर रहे हैं. प्रत्येक दिन 5 से 10 बच्चे हैं रोजाना केंद्र पहुंचते हैं. इसके अलावा उनके अभिभावक भी इसी वजह से केंद्र आते है कि कोई हादसा ना हो जाएगा. इसके अलावा बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्र से संबंधित जानकारी बाल विकास परियोजना को दी लेकिन उसके बाद भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है कि इसकों कब तक सुधारा जाएगा.
वार्ड पार्षद रामचंद्र हाजरा का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र का मामला संज्ञान में आया है. जल्द ही बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से बात कर इसका समाधान कराया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जल्द ही डीसी से मिलकर आंगनबाड़ी केंद्र को लेकर एक आवेदन सौंपा जाएगा और इसे दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा.
इनपुट- मृणाल सिन्हा