ज़ी बिहार-झारखंड ने खोली माफियाओं की पोल, धड़ल्ले से चल रहा था रेत का अवैध खनन
Bihar Samachar: ज़ी मीडिया की टीम ने खनन के कारोबार पर बड़ा खुलासा किया है. अलग-अलग जिलों में की गई पड़ताल में यह सामने आया है कि अभी तक खनन माफिया बिना रोक-टोक सोन और गंगा जैसी नदियों से बालू निकालकर बेच रहे हैं.
Written ByAnshu Raj|Last Updated: Jul 23, 2021, 08:01 PM IST
Patna: बिहार में अवैध बालू खनन (Illegal Sand mining) का खेल खुलेआम चल रहा है. खनन माफिया (Mining Mafia) सरकारी खजाने को रोजाना करोड़ों की चपत लगा रहे हैं. दिन-रात अवैध खनन होने के बावजूद कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हो रही है. हाल के दिनों में कुछ अधिकारियों पर गाज भी गिरी लेकिन, सबकुछ जस का तस बना हुआ है.
ज़ी मीडिया की टीम ने खनन के कारोबार पर बड़ा खुलासा किया है. अलग-अलग जिलों में की गई पड़ताल में यह सामने आया है कि अभी तक खनन माफिया बिना रोक-टोक सोन और गंगा जैसी नदियों से बालू निकालकर बेच रहे हैं.
सूर्यास्त के बाद बिहार में काले कारोबार का उदय होता है. रात के अंधेरे में ऐसा खेल होता है, जिसे सुनकर, जानकर, समझकर आप हैरान हो जाएंगे. NGT यानी की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों के मुताबिक जुलाई, अगस्त और सितंबर में नदी से बालू का खनन करना गैर-कानूनी है. बिहार सरकार के कानून के मुताबिक अवैध खनन करना गैर-कानूनी है, वहीं खनन को लेकर नियमों के साथ निर्धारित ढंग से इजाजत दी जाती है. लेकिन सरकारी कायदे कानून कहीं दिखाई नहीं देते. पड़ताल में कारोबारी सरेआम खनन करते दिखे.
बालू के अवैध खनन को लेकर जब हमने पड़ताल शुरु की तो हम हैरान हो गए बालू के अवैध खनन और इसके फलते-फूलते अवैध कारोबार की एक-एक हैरान करने वाली तस्वीर हमारे कैमरे में कैद हुई. राजधानी पटना से सटे दानापुर से हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई. एक साथ सैकड़ों नावों की कतार पानी की वेग को चीरते हुए बालू अवैध खनन किए हुए बालू को सप्लाई करते दिखी.
इस पड़ताल के दौरान, नाव पर सवार रेत के सौदागर सरकारी खजाने को चुना लगाते दिखे. सोन और गंगा में जो नाव चलाई जाती है, उससे सरकार को एक पैसे का फायदा नहीं होता, लेकिन सरकारी खजाने को चुना जरुर लग जाता है, वो भी कोरोड़ों का. नदियों में नाव के जरिए पहले जेसीबी मशीन और पोकलेन को बीच के टापू पर रखा जाता है, फिर उनके जरिए बालू निकालकर नाव पर लोड करके बिहार और दूसरे राज्यों में भेजा जाता है. बालू की यह खेप यूपी तक पहुंचाई जाती है.
बालू का खेल बिहार के अलग-अलग जिलों में फैला हुआ है. खनन माफिया इतने मजबूत हैं, कि प्रशासन उनपर हाथ डालने की कोशिश तक नहीं करती. अगर कोशिश होती तो रात के अंधेरे में लूट नहीं मचती. अरवल जिले के कलेर प्रखंड में सोहसा मसदपुर और बेलाव जैसी जगहों पर सरेआम सोन नदी से खनन का खेल हो रहा है, दिन के उजाले में छोटी गाड़ियां तस्करों का माल ढोती हैं, और रात में बड़ी गाड़ियों से बालू की बड़ी खेप पार की जाती है.
अरवल में बालू घाट से बालू लेकर निकलने वाली गाड़ियां NH-139 से गुजरती है. इस रास्ते पर गश्ती करने वाले पुलिस की गाड़ियां खड़ी रहती हैं, बिना रोक-टोक बालू लदे वाहन धड़ल्ले से पुलिस के सामने से गुजरते हैं, लेकिन मजाल है किसी की जो इन गाड़ियों को रोक दें. ज़ी मीडिया के खुलासे में यह सामने आया है कि राजधानी पटना के बीचों-बीच बालू की मंडी सजती है. यहां भी अवैध धंधा फल-फूल रहा है. पटना बायपास में दो से तीन किलोमीटर के दायरे में आपको वैध के साथ अवैध बालू का बाजार सजा हुआ मिलेगा.
पटना बालू मंडी में कैमरे के सामने कोई मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं हो रहा था, लिहाजा हमने ऑफ कैमरा कुछ कारोबारियों से बात की. पटना बालू मंडी के कारोबारियों ने बताया कि यहां पर नालंदा, गया और जहानाबाद से बालू आ रहा है, रास्ते में कुछ पुलिसिया चेक पोस्ट हैं, जिनको पैसे देनें पड़ते हैं. मंडी में पहुंचने पर हमें कुछ ऐसे लोग भी मिले जो बालू को वैध तरीके से लेकर बेंचने पहुंचे थे. जब हमने उनसे बात की तो एक कारोबारी ने बताया कि वैध कागजात होने के बावजूद भी पुलिस को पैसे देने पड़ते हैं. जहानाबाद से पटना आने में 4 पुलिस चेक पोस्ट हैं, जिनपर 500 से 1000 रुपये प्रति ट्रक के हिसाब से पुलिस वसूली करती है.
सरकार की कार्रवाई से बालू माफिया परेशान हैं
वहीं, राज्य सरकार ने अवैध खनन को शह देने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई भी कर रही है. राज्य सरकार ने हाल के दिनों में कार्रवाई करते हुए भोजपुर और औरंगाबाद के SP और पटना, औरंगाबाद के जिला परिवहन पदाधिकारियों को हटा दिया था. इसके अलावा, तीन मोटर यान निरीक्षकों को सस्पेंड किया गया है. सरकार की कार्रवाई से बालू माफिया परेशान हैं. लेकिन खनन पर पूरी तरह ब्रेक नहीं लगा है.
अगर विपक्ष के पास कोई सबूत है तो सरकार से साझा करें
खनन के खेल पर सियासत भी जमकर हो रही है. विपक्षी आरजेडी ने राज्य सरकार पर आरोपों की बौछार कर दी है. विपक्षी नेताओं का आरोप है कि, अवैध खनन में बड़े बड़े नेता और अफसर लगे हुए हैं. नीतीश सरकार अफसरों को हटाकर आई वॉश कर रहीं है. एक तरफ जहां आरजेडी सरकार से कार्रवाई का हिसाब मांग रही है तो वहीं जदयू ने आरजेडी से सवाल पूछा है कि, आप आरोप लगा रहे हैं, लेकिन सबूत क्या है. अगर विपक्ष के पास कोई सबूत है तो सरकार से साझा करें, सरकार कार्रवाई करेगी.
हम अवैध खनन वाले पर कार्रवाई करने से नहीं चुकेंगे
बीजेपी के नेताओं का भी साफ कहना है कि अवैध खनन करने वाले बख्शे नहीं जायेंगे. सरकार कार्रवाई कर रही है. इधर, पूरे मामले पर उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि हम अवैध खनन वाले पर कार्रवाई करने से नहीं चुकेंगे. अवैध खनन में लगे माफियाओं पर कार्रवाई की जाएगी. हमारी सरकार पिछले पंद्रह साल से इस काम में लगी है. वहीं, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि हर किसी को सस्ते दर पर बालू उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है. बदले की आग में डबल मर्डर से गांव में तनाव का माहौल है. फिलहाल पुलिस गांव में कैंप कर रही है और हालात पर नजर बनाए हुई है.
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