Bihar SEZ: केंद्र सरकार की तरफ से बिहार में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए दो स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) स्थापित करने की मंजूरी दी गई है. इसके लिए पश्चिमि चंपारण और बक्सर का चयन किया गया है.
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पटना: बिहार में जल्द ही रोजगार के अवसर बढ़ने वाले हैं. दरअसल केंद्र सरकार ने राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए दो स्पेशल इकोनॉमिक जोन (एसईजेड) स्थापित करने पर सहमति दे दी है. भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की टीम ने इसके लिए पश्चिमी चंपारण के कुमारबाग और बक्सर के नवानगर का निरीक्षण किया और इसे एसईजेड के लिए उपयुक्त पाया. इस बीच हर तरफ ये चर्चा तेज हो गई है कि स्पेशल इकोनॉमिक जोन बनाए जाने के बाद इससे राज्य के लोगों को लाभ मिलने वाला है. अगर आपके मन में भी ये सवाल आ रहा है तो इसके जवाब ढूंढने में हम आपकी मदद करने जा रहे हैं.
बिहार में स्पेशल इकोनॉमिक जोन स्थापित हो जाने के बाद न केवल औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आएगी ,बल्कि राज्य में निवेश और निर्यात दोनों को बढ़ावा मिलेगा. एसईजेड बन जाने से राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. बक्सर और पश्चिम चंपारण जिले के लोगों को इसका खासकर फायदा होगा. मजदूरी के लिए अपना घर छोड़कर बिहार से बाहर जाने वाले लोग अए इस नए उद्योग वाले कालखंड में अपना भविष्य तलाश लेंगे. एसईजेड के बन जाने से बिहार में देश की बड़ी औद्योगिक इकाइयों का प्रवेश होगा. बता दें कि एसइजेड के तहत लगने वाली इकाइयों को आयकर अधिनियम के तहत निर्यात आय पर पहले 5 वर्षों के लिए आयकर में 100% छूट दी जाती है. वहीं अगले पांच वर्षों के लिए आयकर में 50 फीसदी और उसके अगले पांच वर्षों के लिए निर्यात लाभ का 50% छूट दी जाती है.
स्पेशल इकोनॉमिक जोन में लगी इकाइयों को न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) से छूट दी जाती है. वहीं,जीएसटी में भी स्पेशल इकोनॉमिक जोन में लगने वाली इकाइयों को जीएसटी शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाती है. वहीं, आयात के लिए लाइसेंस की कोई आवश्यकता नहीं है.विनिर्माण क्षेत्र में कुछ क्षेत्रों को छोड़कर, 100% एफडीआई की अनुमति है. ऐसे में एसइजेड के स्थापित हो जाने के बाद बिहार में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आने के साथ साथ निवेश और निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा.
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