बिहार (Bihar) में कोरोना (Corona) की रफ्तार कम होने के बाद सरकार ने शिक्षण संस्थानों को लेकर जारी सारी पाबंदियां भले ही हटा दी हों, लेकिन स्कूलों में अभी भी बच्चों की पढ़ाई रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है.
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Patna: बिहार (Bihar) में कोरोना (Corona) की रफ्तार कम होने के बाद सरकार ने शिक्षण संस्थानों को लेकर जारी सारी पाबंदियां भले ही हटा दी हों, लेकिन स्कूलों में अभी भी बच्चों की पढ़ाई रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है. इस बीच, हालांकि शिक्षा विभाग ने स्कूलों में पढ़ाई का माहौल फिर से बनाने को लेकर कवायद प्रारंभ कर दी है.
राज्य सरकार ने 16 अगस्त से 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ पहली से लेकर आठवीं तक के स्कूल खोलने के आदेश दिए थे. इसके बाद 26 अगस्त से सभी स्कूल, कॉलेज से सारी पाबंदी हटाते हुए सामान्य रूप से स्कूल खोलने के निर्देश दे दिए गए. इसके बावजूद स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति नहीं बढ़ रही है.
विभाग के एक अधिकारी भी मानते हैं कि राज्य के मध्य विद्यालयों में छात्र, छात्राओं की उपस्थिति तो जरूर बढ़ी है, लेकिन प्राथमिक स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है. निजी स्कूलों में भी कमोबेश यही स्थिति देखने को मिल रही है. कहा जा रहा है कि सरकार द्वारा स्कूलों से पाबंदी हटाए जाने के बाद स्कूल में स्थिति को सामान्य करने को लेकर शिक्षक और प्रधानाध्यापक के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं.
इस बीच, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Choudhary) और अपर मुख्य सचिव संजय कुमार (Sanjay Kumar) के निर्देश के बाद विभाग से लेकर जिला, प्रखंड तक के सभी अधिकारियों ने स्कूलों में पढ़ाई का माहौल बनाने को लेकर स्कूलों में पहुंचकर जायजा ले रहे हैं.
सूत्रों का कहना है कि ये अधिकारी स्कूलों में पहुंचकर साफ-सफाई, वर्ग संचालन, उपस्थिति, सामाजिक दूरी का पालन और सैनिटाइजेशन को देख रहे हैं और आवश्यक निर्देश दे रहे हैं. इधर, अभिभावक सरकार द्वारा शिक्षण संस्थानों के खोलने का निर्देश को लेकर प्रसन्न जरूर हैं, लेकिन उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजने में डर भी सता रहा है. अभिभावक कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर आशंकित हैं. अधिकारी भी मानते हैं कि प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में पठन पाठन कार्य को कोरोना के पूर्व वाली स्थिति में लाने के लिए अभी और मेहनत की जरूरत है. इसके लिए लोगों के मन से डर हटाना होगा.