सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के उस आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया, जिसमें वक्फ अधिकारी भवन को गिराने को कहा गया था. इस भवन का निर्माण उच्च न्यायालय के 'शताब्दी भवन' के आसपास किया जा रहा है.
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Patna: सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) के उस आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया, जिसमें वक्फ अधिकारी भवन को गिराने को कहा गया था. इस भवन का निर्माण उच्च न्यायालय के 'शताब्दी भवन' के आसपास किया जा रहा है. जस्टिस यू.यू. बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा दायर एक अपील पर ललित, अजय रस्तोगी और विक्रम नाथ ने बिहार सरकार, मुख्य सचिव, पटना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल और अन्य को नोटिस जारी किया. शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को निर्धारित की है.
अधिवक्ता एजाज मकबूल के माध्यम से दायर अपील में कहा गया है, "यह प्रस्तुत किया गया है कि उच्च न्यायालय ने न केवल अपने द्वारा तय किए गए चार मुद्दों से आगे की यात्रा की, बल्कि प्रस्तावित वक्फ भवन के पूरे ढांचे को ध्वस्त करने का निर्देश दिया. केवल इस कारण कि भवन की ऊंचाई 10 से मीटर अधिक है, जो बिहार भवन उप-नियम, 2014 के उप-नियम संख्या 21 का उल्लंघन है.
याचिका में कहा गया है कि पूरी परियोजना वक्फ अधिनियम, 1995 की धारा 32 के अनुरूप और एक सरकारी वास्तुकार द्वारा नक्शे/योजना की उचित मंजूरी के साथ शुरू की गई थी.याचिका में जोड़ा गया है, 'यह उल्लेख करना प्रासंगिक है कि पूरी इमारत को ध्वस्त करने का निर्देश दिया गया था, भले ही याचिकाकर्ता वक्फ बोर्ड के साथ-साथ सभी राज्य प्राधिकरणों ने इमारत के उसे हिस्से को ध्वस्त कर इमारत की ऊंचाई 10 मीटर के भीतर लाने पर सहमति व्यक्त की थी.'
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि निर्माण योजनाओं को राज्य सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा अनुमोदित किया गया था. उच्च न्यायालय ने मार्च 2021 में मामले का स्वत: संज्ञान लिया और चार प्रश्न तय किए. 3 अगस्त को, इसने एक महीने के भीतर वक्फ इमारत को गिराने का आदेश दिया. अपने 4 :1 के फैसले में, उच्च न्यायालय ने बिहार भवन उप-नियम, 2014 के अनुसार निर्माण को अवैध माना और बिहार सरकार को उन सरकारी अधिकारियों पर जिम्मेदारी तय करने के लिए एक जांच आयोग बनाने का निर्देश दिया, जिन्होंने अवैध निर्माण की अनुमति दी थी.
(इनपुट: आईएएनएस)