ढाबा संचालक के अनुसार बता दें कि फ्राई मटन रोज बनता है और रोज परोसा जाता है. बाकी लोगों की मांग और ऑर्डर पर भी बनाया जाता है. उन्होंने बताया कि 13 साल पहले ढाबा शुरू किया.
Trending Photos
पटना: Bihar ka fry mutton: बिहार स्टाइल में मटन का स्वाद तो हर कोई बाट रहा है, लेकिन सहरसा जिले में एक ढाबा ऐसा भी है जो अपने स्वाद से दूर दराज रहने वाले लोगों को अपनी ओर खींच लाता है. जी हां, हम बात कर रहे है सहरसा जिला मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित दीपक ढाबे की. इस ढाबे के फ्राई मटन का जायका बहुत ही मशहूर है. ढाबा संचालक की मानें तो दूरदराज से लोग फ्राई मटन जायका का स्वाद लेने आते है. अगर आप भी है मटन के शौकिंग और लेना है फ्राई मटन का स्वाद तो चले आए सहरसा. खास बात यह है कि यहां 13 साल से फ्राई मटन का स्वाद बरकरार है.
13 साल से बना रहे फ्राई मटन
ढाबा संचालक के अनुसार बता दें कि फ्राई मटन रोज बनता है और रोज परोसा जाता है. बाकी लोगों की मांग और ऑर्डर पर भी बनाया जाता है. उन्होंने बताया कि 13 साल पहले ढाबा शुरू किया. यहां की मशहूर डिश फ्राई मटन ही है. खासियत है कि फ्राई मटन के लिए किसी भी कंपनी के मसाले का उपयोग हम नहीं करते है. फ्राई मटन के लिए मसालें सब यहीं ढाबे में तैयार किया जाता है. जिससे मटन का स्वाद ज्यादा टेस्टी हो जाता है. पिछले 13 सालों में लोगों का बहुत प्यार मिला लोगों ने भी आगे बढ़ने का अवसर दिया.
रोजाना 20 से 25 किलो मटन होता है तैयार
ढाबा संचालक ने बताया कि यहां का स्पेशल मटन फ्राई ही है, यहां लोग इस डिश को ही पंसद करते है. ढाबे में रोजाना 20 से 25 किलो मटन बनाया जाता है. साथ ही कहा कि ढाबा रोजाना सुबह से रात के 8 बजे तक खुलता है. फ्राई मटन के अलावा चिकन, मछली और अंडाकरी भी ढाबे पर तैयार किया जाता है. अगर दाम की बात करें तो 90 रुपये में 2 पीसक चिकन के साथ चावल दिया जाता है और 130 रुपये में दो पीस फ्राई मटन के साथ चावल दिया जाता है.
दूर दराज से फ्राई मटन का स्वाद लेने आते है लोग
बिहार के सहरसा में आस-पास के जिलों के अलावा दूर दराज से कई लोग फ्राई मटन का लजीज स्वाद लेने के लिए आते है. यहां बनने वाला फ्राई मटन अपने लजीज स्वाद से खुद मौखिक प्रचार करता है. यहां आने वाले लोगों की पहली पसंद फ्राई मटन ही है और लोग सबसे पहले इसी का आर्डर भी करते है.
कैसे पहुंचे ढाबा
अगर आपकों भी फ्राई मटन का स्वाद लेना है तो आप सहरसा जिला मुख्यालय से दूरी तय कर करीब 15 किलोमीटर स्थित सौरबाजार प्रखंड कार्यालय पहुंच जाए. इसके ठीक सामने दीपक का ढाबा है.
ये भी पढ़िए- Bihar Diwas 2023 Live: 111 साल का हुआ बिहार, जानें क्या है राज्य का इतिहास