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Patna: बिहार में आज के दिन काफी ज्यादा राजनीतिक उथल-पुथल होने वाली है. विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र आज से शुरू हो रहा है. इस दौरा CM नीतीश की अगुआई वाली महागठबंधन सरकार सदन में विश्वास प्रस्ताव पेश करेगी. इसके अलावा सभी की निगाह विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा पर टिकी हैं वह अपना पद छोड़ते हैं या नहीं. अगर वो अपना पद नहीं छोड़ते हैं तो सत्ता पक्ष उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है. इसी बीच उपमुख्यमंत्री और राजद विधायक दल के नेता तेजस्वी यादव ने अपनी पार्टी के सभी एमएलए के लिए व्हिप जारी किया है. उन्होंने अपने सभी विधायकों को सदन की कार्यवाही शुरू होने से लेकर उसके अंत होने तक मौजूद रहने को कहा है.
बता दें कि बिहार विधानसभा की कुल क्षमता 243 विधायकों की है. इस समय यहां 241 सदस्य ही हैं. विधानसभा की 2 सीटें खाली हैं. इसी कड़ी में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के एकमात्र विधायक ने विश्वास मत के दौरान महागठबंधन सरकार के पक्ष में वोट देने की बात कही है. जिसके बाद सदन में महागठबंधन के पास 165 विधायक हो जाएंगे. इससे पहले एक निर्दलीय विधायक को मिलकर सत्ता पक्ष के पास 164 विधायक थे. निर्दलीय सुमित कुमार सिंह ने सरकार का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है. गौरतलब है कि सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 121 विधायकों की जरूरत है.
विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने पद छोड़ने से किया था मना
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि वह सत्तारूढ़ महागठबंधन के विधायकों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बावजूद इस्तीफा नहीं देंगे. भाजपा नेता ने दावा किया कि उनके खिलाफ लाया गया प्रस्ताव 'झूठे' आरोपों पर आधारित है और 'विधायी नियमों' की परवाह किए बिना लाया गया है. उन्होंने कहा, 'अविश्वास प्रस्ताव में लगता है कि नियमों (संसदीय नियम) की परवाह नहीं की गई है, मुझ पर पक्षपात और तानाशाही रवैये का आरोप लगाया गया है. दोनों आरोप साफ तौर पर झूठे हैं. ऐसी परिस्थितियों में इस्तीफा देने से मेरे स्वाभिमान को ठेस पहुंचेगी.'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं बिहार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में, मेरे विरूद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का प्रतिकार करते हुए इस्तीफा नहीं दूंगा.' उन्होंने कहा, 'आसन से बंधे होने के कारण संसदीय नियमों और प्रावधानों से असंगत नोटिस को अस्वीकृत करना मेरी स्वभाविक जिम्मेवारी बनती है.' यह पूछे जाने पर कि बुधवार को उनकी पार्टी का क्या रुख क्या होगा इस पर अध्यक्ष ने कोई टिप्पणी नहीं की. सिन्हा ने कहा, 'मैं वर्तमान में सदन के अध्यक्ष पद पर आसीन हूं और इस संवैधानिक पद से जुड़े मानदंडों से बंधा रहूंगा. मेरी प्राथमिकता नियमों के अनुसार अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा.'
(इनपुट: भाषा)