लोकसभा चुनाव से पहले भाकपा (माले) ने 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति से संबंधित जारी सूची में हमारे कामकाज के कुछ प्रमुख जिलों की अनदेखी का आरोप लगाया है.
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Patna: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं में सामंजस्य बैठाने के लिए 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति का गठन कर दिया गया. इस बीच भाकपा (माले) ने अनदेखी का आरोप लगाया है. भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति से संबंधित जारी सूची में हमारे कामकाज के कुछ प्रमुख जिलों की अनदेखी हुई है. हमें सिवान और अरवल में उपाध्यक्ष का पद मिला है, साथ ही साथ 32 जिलों में कुल 57 सदस्यों को जगह मिली है.
उन्होंने साफ लहजे में कहा कि हमने मांग की थी कि भोजपुर, रोहतास, जहानाबाद और पटना में भी उपाध्यक्ष का पद दिया जाए. साथ ही 32 की बजाय हमने 34 जिलों में कुल 63 सदस्यों की सूची भी दी थी, लेकिन, उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि बिहार से ही शुरू होने वाले इंडिया गठबंधन को और मजबूत बनाने के लिए आपसी संवाद और तालमेल को और बेहतर बनाने की जरूरत है.
उल्लेखनीय है कि नवगठित जिला 20 सूत्री समितियों के अध्यक्ष संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री हैं. वहीं, सभी जिलों में समिति के दो-दो उपाध्यक्ष बनाये गये हैं. इस तरह कुल 76 (अब तक अधूसिचत 74) उपाध्यक्ष नियुक्त किये गये हैं.
बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सपा और कांग्रेस के बीच भी काफी ज्यादा अनबन हो गई है. अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा है और कहा है कि अगर उन्हें पता होता कि उनके नेताओं की इस तरह से अनदेखी होगी तो वो कभी नहीं आते. इसके अलावा कांग्रेस भी लगातार पलटवार कर रही है.
(इनपुट आईएएनएस के साथ)