2024 अब ओझल हो रहा है और 2025 धीरे धीरे आशा और उम्मीद का किरण लिए रोजमर्रा में शामिल होने आ रहा है. हर किसी के मन में एक अजीब सी तरंग दौड़ रही है. नए साल में नई उम्मीदें, नए सपने, नए वादे, नए इरादे, नए प्रण, नए वचन आदि हिलोरें मार रही हैं. 2024 की आदत सी हो गई थी तो 2025 को अपनाने में थोड़ा समय लग जाएगा. खासतौर से तब, जब आप कहीं डेट लिखेंगे तो कई बार गलती से मिस्टेक कर बैठेंगे और 2025 की जगह 2024 ही लिख बैठेंगे. ये गलती वाला मिस्टेक एक बार में ठीक नहीं होगा, लेकिन हो जाएगा. जैसे पिछले साल 2024 ने अपनी जगह बनाई थी, वैसे ही 2025 भी लोगों के दिलों में सेट हो जाएगा. बिहार की बात करें तो 2025 चुनावी साल होगा. यह वह साल होगा, जब राज्य में पहली बार मेट्रो ट्रेन दौड़ेगी और पहला फोरलेन एक्सप्रेसवे वाहनों को रफ्तार भरने के लिए तैयार होगा. 2025 पर 2024 की कुछ उधारी भी रह जा रही है. यह उधारी है बिहार लोक सेवा आयोग की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा, जिसको लेकर बवाल हो रहा है. अब 2025 में ही यह अपने प्रारब्ध को प्राप्त होगा. जमीन सर्वेक्षण भी उधारी में से एक है. आइए, डिटेल में जानते हैं कि बिहार को नए साल में क्या क्या मिल सकता है.


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दरभंगा आमस फोरलेन


भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बिहार में दरभंगा से गया जिले के आमस तक फोरलेन सड़क का निर्माण हो रहा है. इस सड़क के बन जाने से कई जिलों के निवासियों का सफर आसान होने वाला है. सड़क गया के आमस से शुरू होकर जहानाबाद, पटना, नालंदा, हाजीपुर और समस्तीपुर के रास्ते दरभंगा तक जाएगी. यह फोरलेन कई जिलों के विकास की नई कहानी लिखने वाला है. 


नए जिलों का ऐलान 


20 साल के राज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक भी नया जिला नहीं बनाया है, जबकि बगहा और झंझारपुर जैसे इलाके के लोग बहुत दिनों से इसकी मांग कर रहे हैं. पिछले साल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब वाल्मीकिनगर के दौरे पर गए थे, तब उन्होंने लोगों को भरोसा दिया था कि नए जिलों का निर्माण किया जाएगा. खासतौर से बगहा को जिला बनाने का भरोसा उन्होंने लोगों को दिया था. माना जा रहा है कि 2025 के चुनाव में जाने से पहले मुख्यमंत्री बगहा और झंझारपुर के लोगों को नए जिलों की सौगात दे सकते हैं. 


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बजट 2025-26


मोदी सरकार का बजट हो या फिर बिहार सरकार का, बिहार को इस बार भी बहुत कुछ मिलने की संभावना है. 2024—25 के केंद्रीय बजट में बिहार के लिए बहुत कुछ था. जैसे पटना पूर्णिया एक्स्प्रेसवे, भागलपुर बक्सर एक्सप्रेसवे के अलावा मिथिलांचल को बाढ़ से निजात दिलाने के लिए कोसी नदी पर बहुउद्देश्यीय परियोजना आदि के लिए मोदी सरकार ने पोटली खोल दी थी. मोदी सरकार को नीतीश कुमार के सहयोग की पूरी जरूरत है, लिहाजा माना जा रहा है कि 2025—26 के बजट में भी बिहार के लिए बहुत कुछ रहने वाला है. 


जमीन का सर्वेक्षण


नीतीश कुमार की सरकार ने 2024 में बिहार में जमीन सर्वेक्षण को मंजूरी दी थी, लेकिन पिछले कई बार से सरकार लगातार इसकी अवधि बढ़ाती जा रही है. अब सरकार ने विधानसभा चुनाव तक जमीन सर्वेक्षण की अवधि बढ़ा दी है. अब उम्मीद  जताई जा रही है कि विधानसभा चुनाव तक नई सरकार के आने के बाद ही जमीन सर्वेक्षण का काम आगे बढ़ सकेगा. 


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नए राज्यपाल 


मोदी सरकार ने बिहार और केरल के राज्यपालों को एक दूसरे राज्यों में भेज दिया है. बिहार के निवर्तमान राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर केरल भेज दिए गए हैं तो केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान अब बिहार के राजभवन की बागडोर संभालेंगे. आरिफ मोहम्मद खान नए साल में ही यानी 2 जनवरी को बिहार के राज्यपाल पद की शपथ लेंगे. इस तरह से यह काम भी नए साल के हिस्से में चला गया है. 


विधानसभा चुनाव 2025


बिहार में 2025 के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस बार विधानसभा चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने वाला है. एनडीए की ओर से भाजपा, जेडीयू, हम और लोजपा आर के अलावा रालोमो मोर्चा संभालेंगे तो महागठबंधन की ओर से राजद,कांग्रेस और वामदल मुकाबला करेंगे. इस बार चुनाव में के लिए लालू परिवार कोई कोर कसर बाकी छोड़ना नहीं चाहता तो एनडीए की ओर से पीएम मोदी, अमित शाह और नीतीश कुमार की तिकड़ी चुनाव में अपनी छाप एक बार फिर से छोड़ना चाहेगी. 


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नई सरकार


बिहार में जीतनराम मांझी के एक साल के कार्यकाल को छोड़ दिया जाए तो पिछले 19 सालों से राज्य में नीतीश कुमार की ही सरकार चल रही है. अगर विधानसभा चुनाव में कोई बड़ी उलटफेर होती है तो यह बहुत ही ऐतिहासिक हो सकता है और बिहार की पूरी अफसरशाही बदली नजर आएगी. अगर नीतीश कुमार की ही सरकार बनी रहती है तो कोई बहुत बड़ा बदलाव संभव नहीं है.


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