Bihar Politics : जेडीयू कोटे से बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि वे जीतनराम मांझी को लेकर आरोप लगते हैं जबकि मांझी को नीतीश कुमार ने ही मुख्यमंत्री बनाकर सम्मान दिया, वे दलित हित की बात करते हैं लेकिन नए संसद भवन में भी राष्ट्रपति तक को न बुलाकर अपमान किया.
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पटना : जेडीयू पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में भीम संसद का आयोजन करने जा रही है. इसको लेकर शहर में जगह जगह पोस्टर लगाए गए हैं वही मुख्य चौक चौराहों पर बड़े बड़े होर्डिंग भी टंगे गए हैं. अब पार्टी के दलित चेहरा यानि मंत्री और नेता दलित बस्ती में जाकर उन्हें इस कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दे रहे हैं. बीजेपी प्रवक्ता योगेंद्र पासवान ने कहा कि चुनाव सामने हैं ऐसे में बीजेपी भला कैसे चुप बैठेगी. जेडीयू के आयोजित भीम संसद कार्यक्रम को लेकर बीजेपी के दलित नेता एक साथ पार्टी कार्यालय में इकठ्ठा बैठकर जेडीयू पर निशाना साधा और कहा कि जेडीयू को भीम संवाद करने का कोई अधिकार नहीं है.
साथ ही कहा कि बीजेपी के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए जेडीयू कोटे से बिहार सरकार के मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि वे जीतनराम मांझी को लेकर आरोप लगते हैं जबकि मांझी को नीतीश कुमार ने ही मुख्यमंत्री बनाकर सम्मान दिया, वे दलित हित की बात करते हैं लेकिन नए संसद भवन में भी राष्ट्रपति तक को न बुलाकर अपमान किया. बीजेपी शुरू से दलित विरोधी रही है और इनका असली चेहरा सबके सामने आ गया है.
बिहार सरकार में मंत्री रत्नेश सदा ने कहा कि बिहार में जातीय गणना के बाद राज्य सरकार अपनी उपलब्धि गिनाने में जुटी है वही अब आरक्षण का दायरा बढ़ाने को लेकर भी महागठबंधन की सरकार दलित और अतिपिछड़ों के बिच में संदेश देने में लगी हुई है, बीजेपी चुनावी वर्ष में बिहार में चुनौती का सामना कर रही है और जेडीयूके इस भीम संसद पर सवाल उठा रही है. वही जेडीयू अपने को दलित हितैषी बताते हुए बीजेपी को आरक्षण विरोधी करार दे रही है और जेडीयू दलित बस्ती में जाकर कह रही है कि बीजेपी आरक्षण को ख़त्म करना चाहती है और संविधान खतरेमें हैं लिहाज़ा भीम संसद को सफल बनाने के लिए अपनी उपस्थिति दिखाएं, बीजेपी इस कार्यक्रम को लेकर सवाल उठा रही है कि जेडीयू सरकारी तंत्र का दुरूपयोग कर रही है.
इनपुट- रजनीश
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