बिहार में 'खाकी' की निष्पक्षता पर BJP ने उठाए सवाल, NDA में जमकर 'नूरा-कुश्ती'!
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बिहार में 'खाकी' की निष्पक्षता पर BJP ने उठाए सवाल, NDA में जमकर 'नूरा-कुश्ती'!

Bihar News: विपक्ष ने संजय जायसवाल के पोस्ट को हाथों-हाथ लिया और प्रदेश की नीतीश सरकार पर आरोपों की बौछार कर दी.

 

बीजेपी ने 'खाकी' की निष्पक्षता पर उठाए सवाल (फाइल फोटो)

Patna: बिहार में इन दिनों NDA के बीच चल रही नूरा-कुश्ती की खूब चर्चा हो रही है. BJP और JDU के बीच हाल-फिलहाल में हुई बयानबाजी ने विपक्ष को मजे लेने का पूरा मौका दिया है. 

अब ताजा मामला खुद BJP प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से जुड़ा है. संजय जायसवाल ने सोशल मीडिया पर बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर पोस्ट क्या किया, मानो विपक्ष के लिए 'बूस्टर डोज' बन गया. विपक्ष ने संजय जायसवाल के पोस्ट को हाथों-हाथ लिया और प्रदेश की नीतीश सरकार पर आरोपों की बौछार कर दी.

दलित उत्पीड़न पर BJP प्रदेश अध्यक्ष चिंतित, न्याय दिलाने पर जोर

बिहार BJP अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने आरोप लगाया है कि 'समुदाय विशेष के लोगों द्वारा कई इलाकों में दलितों को प्रताड़ित किया जा रहा है. ये लोग न सिर्फ दलितों के साथ अमानवीय व्यवहार करते हैं, बल्कि शादी-विवाह के मौके पर भी उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है'.

संजय जायसवाल ने यहां तक कहा कि 'पुलिस-प्रशासन भी मामले में निष्पक्ष भूमिका नहीं निभा रहा है. अगर कोई दलित अपनी शिकायत लेकर थाने तक जाता है तो पुलिस दोनों पक्षों पर सख्ती दिखाती है. जबकि शिकायतकर्ता तो खुद ही प्रताड़ित होता है'. BJP प्रदेश अध्यक्ष ने कई जिलों में इस तरह की घटनाओं के बढ़ने पर चिंता जाहिर की है.

इन सबसे इतर संजय जायसवाल ने इस तरह की घटनाओं को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम से भी जोड़ दिया है. उनका मानना है कि पश्चिम बंगाल चुनाव के परिणाम के बाद से ऐसी घटनाएं बहुत ज्यादा हो रही हैं.

मामले में JDU ने दिखाया नरम रुख, अभिव्यक्ति की आजादी बताया

BJP प्रदेश अध्यक्ष के सोशल मीडिया पर लिखे गए विचारों को JDU ने उनका निजी विचार बताकर पल्ला झाड़ लेना ही बेहतर समझा. JDU ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी बताकर मामले से दूरी बना ली. पार्टी अपने उसी बयान पर कायम है कि 'नीतीश सरकार न तो किसी को फंसाती है, न किसी को बचाती है'.

JDU का दावा है कि 'बिहार में कानून का राज है और पुलिस निष्पक्ष होकर अपना काम बखूबी कर रही है'. हालांकि BJP का कहना है कि 'सत्ता में होने के बाद भी अगर हमें लगता है कि कुछ कमियां हैं तो बेहतरी के लिए हम अपनी बात रखते हैं'.

विपक्ष ने सीएम नीतीश पर साधा निशाना 

अपने प्रदेश अध्यक्ष के बयान को BJP चाहे जैसे भी सही ठहराए, JDU चाहे जितना भी इस बयान से खुद को बचाए, लेकिन विपक्ष को मुद्दा तो मिल ही गया. विपक्ष ने इस सोशल मीडिया पोस्ट को एक हथियार बनाकर सरकार पर ताबड़तोड़ हमला बोल दिया. विपक्ष का कहना है कि 'जब BJP एमएलसी टुन्ना पांडेय ने नीतीश कुमार के खिलाफ बोला तो JDU ने उंगली काट लेने की धमकी दी. 

BJP ने टुन्ना पांडेय को पार्टी से निकाल दिया. अब तो BJP प्रदेश अध्यक्ष ने ही सीएम पर सवाल उठाए हैं. क्योंकि पुलिस गृह मंत्रालय के अधीन आती है और गृह मंत्रालय खुद सीएम नीतीश कुमार के पास है. ऐसे में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की ही बनती है. तो क्या अब JDU उंगली काटने वाली धमकी दे सकती है'? विपक्ष का ये मानना है कि BJP जान-बूझकर सीएम पर निशाना साध रही है. विपक्ष को प्रदेश में जल्द ही इस सरकार के गिरने की उम्मीद है.

एक्सपर्ट्स भी BJP के रवैये से हैरान

सत्ता पक्ष और विपक्ष की खींचातानी अपनी जगह है. दोनों की एक-दूसरे पर निशाना साधने की अपनी जरूरत है. लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों की राय में भी BJP का रुख चौंकाने वाला है. 

एक्सपर्ट्स का मानना है कि BJP प्रदेश अध्यक्ष ने जो कुछ भी सोशल मीडिया में लिखा है, वो कोई मामूली आरोप नहीं हैं. ऐसे आरोप सार्वजनिक तौर पर तभी लगते हैं जब आपस में संवादहीनता की स्थिति बन जाती है. जब साथ बैठकर बात करना कम हो जाता है, तभी खुलकर आरोप लगने लगते हैं.

दरअसल ये पहली बार नहीं हुआ है कि संजय जायसवाल ने नीतीश कुमार या उनकी शासन व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. पहले भी कई मौकों पर वो ऐसा करते रहे हैं. और हर बार विपक्ष ने उनके बयानों को हवा देकर सरकार पर निशाना साधा है. 

बावजूद इसके BJP प्रदेश अध्यक्ष का सार्वजनिक तौर पर बोलना या सोशल मीडिया पर पोस्ट करना जारी है. इसका सीधा संदेश जाता है कि NDA में अंदरखाने खिचड़ी तो पक ही रही है. अब ये खिचड़ी विपक्ष को स्वादिष्ट लगेगी और सरकार का मुंह जलाएगी, या NDA सरकार को ये खिचड़ी पच जाएगी? इस सवाल के जवाब के लिए थोड़ा इंतज़ार करना होगा.

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