बिहारी हैं, कौन जात हैं? अपना नंबर बताइए...तभी तो हो पाएगी आपकी पहचान
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बिहारी हैं, कौन जात हैं? अपना नंबर बताइए...तभी तो हो पाएगी आपकी पहचान

बिहार में जाति आधारित जनगणना अपने दूसरे चरण में आ गई है. पहले चरण में बिहार में इस जातिगत जनगणना के लिए मकानों को नंबर देने का काम किया गया. अब दूसरे चरण में जातियों की पहचान होनी है. बता दें कि इसके लिए जातियों की सूची और उसकी कैटेगरी भी जारी हो गई है.

(फाइल फोटो)

Caste Based Census in Bihar : बिहार में जाति आधारित जनगणना अपने दूसरे चरण में आ गई है. पहले चरण में बिहार में इस जातिगत जनगणना के लिए मकानों को नंबर देने का काम किया गया. अब दूसरे चरण में जातियों की पहचान होनी है. बता दें कि इसके लिए जातियों की सूची और उसकी कैटेगरी भी जारी हो गई है. आपको बता दें कि बिहार में सामान्य, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अलावा अनारक्षित व अन्य समुदायों की जातियों व उप जातियों के लिए कैटेगरी बनाई गई है. 

ऐसे में आपको बता दें कि बिहार में एक नहीं बल्कि 214-215 के करीब जातियों की संख्या बताई गई है. इसकी सूची सरकार की तरफ से जारी कर दी गई है. इसके साथ ही बता दें कि इस सूची के अनुसार ही बिहार में जातिगत जनगणना होनी है. इसके लिए ब्लूप्रिंट तैयार हो गया है और साथ ही आपको बता दें कि किस कैटेगरी में कौन सी जाति है उसकी भी सूची जारी कर दी गई है. ऐसे में जो सूची सामने आई है उसकी मानें तो बिहार में अनुसूचित जाति में 22, अनुसूचित जनजाति में 32, पिछड़ा वर्ग में 30, अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) में 113 और उच्च जाति में 7 जातियों को रखा गया है. ऐसे में सभी जातियों के नंबर तय कर दिए गए हैं. जिसके आधार पर ही जनगणना हो सकेगी. 

मतलब अब जब एक बार आपकी जाति की गणना नंबर के आधार पर हो जाए तो फिर आपको भविष्य में किसी भी योजनाओं के लाभ के लिए या इसके आवेदन के लिए इसी नंबर का इस्तेमाल करना होगा. मतलब अब बिहारी जाति के नाम से नहीं जाति के नंबर से पहचाने जाएंगे. बता दें कि बिहार में पहले चरण की जनगणना में 21 जनवरी तक मकान की संख्या निर्गत की जा चुकी है. अब मकान के नंबर तो जारी हो चुके हैं ऐसे में कुछ सवालों के जवाब हर आदमी को देना होगा. इन्हीं सवालों में से एक होगी उनकी जाति जिसके लिए सरकार की तरफ से 215 जातियों की सूची बनाई गई है और हर जाति के लिए नंबर जारी किए गए हैं. मतलब फॉर्म पर आपकी जाति के आधार पर संख्या भरी जाएगी.  

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मतलब साफ है कि अब बिहार में ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ, भूमिहार, बनिया, कुर्मी, कोईरी, यादव जैसी जातियां नहीं होंगी मतलब साफ है कि अब ये सारी जातियां नंबर के जरिए जानी जाएंगी. इसमें यादव के लिए 167 नंबर,  कायस्थ का 22, भूमिहार  का 144, ब्राह्मण का 128, राजपूत का 171,  कुर्मी का 25, कोइरी का 27, बनिया का 124 नंबर मिला है. ऐसे ही सभी जातियों के नंबर निर्धारित कर दिए गए हैं. जिसमें से नंबर-1 पर अगरिया जाति है और सबसे आखिर में नंबर 215 पर केवानी जाति और 216 पर अन्य है. वहीं मुस्लिम के लिए एक ही कोड रखा गया है जबकि हरिजन जो ईसाई बन गए हैं उनका कोड 10 और किन्नर का कोड 23 सूची में अंकित है. 

बिहार में 15 अप्रैल से दूसरे चरण के लिए जातिगत जनगणना होगी ऐसे में दूसरे चरण की गणना में कुल 215 जातियां और एक अन्य 216 जातियों की गिनती होगी. बता दें कि बिहार में जितनी जातियों को बनाया गया है उसमें सबसे ज्यादा बनिया में है जिनके भीतर 20 जातियां बनाई गई हैं. 

 

 

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