MBBS Study in Hindi: डॉक्टर बनने के लिए अब हिंदी में होगी पढ़ाई, जानें कैसा रहेगा सिलेबस
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MBBS Study in Hindi: डॉक्टर बनने के लिए अब हिंदी में होगी पढ़ाई, जानें कैसा रहेगा सिलेबस

 एक सफल डॉक्टर बनने के लिए लगभग साढ़े पांच साल का समय लग सकता है. एमबीबीएस की डिग्री के बाद आप डॉक्टर की प्रैक्टिस करने के लिए हॉस्पिटल में कार्य कर सकते है. आप अपना स्वयं का क्लिनिक भी खोल सकते है.

MBBS Study in Hindi: डॉक्टर बनने के लिए अब हिंदी में होगी पढ़ाई, जानें कैसा रहेगा सिलेबस

पटनाः MBBS Study in Hindi: बैचलर ऑफ मेडिसिन ऐंड बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) की पढ़ाई के लिए हिंदी भाषा अब वैकल्पिक माध्यम बनने जा रहा है. देश में जल्द ही एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी भाषा में भी हो सकेगी. राज्य चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार नए अकादमी सत्र में देश के प्रमुख हिंदीभाषी राज्य में निजी और सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के कुल चार हजार विद्यार्थियों को अंग्रेजी विषय के साथ हिंदी विषय में भी पढ़ाई के लिए किताबों का विकल्प मिलेगा. इसकी शुरूआत मध्य प्रदेश से की जा रही है, जल्द ही बाकी राज्यों में भी पढ़ाई शुरू हो जाएगी.

डॉक्टर की पढ़ाई में कितना लगता है समय

जानकारी के लिए बता दें कि एक सफल डॉक्टर बनने के लिए लगभग साढ़े पांच साल का समय लग सकता है. एमबीबीएस की डिग्री के बाद आप डॉक्टर की प्रैक्टिस करने के लिए हॉस्पिटल में कार्य कर सकते है. आप अपना स्वयं का क्लिनिक भी खोल सकते है.

आंग्रेजी से हिंदी में किताबों का हो रहा अनुवाद
फिजियोलॉजी के पूर्व सह प्राध्यापक डॉ. मनोहर भंडारी के अनुसार राज्य के चिकित्सा महाविद्यालयों के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने वाले 60-70 फीसदी छात्र हिंदी माध्यम से होते हैं. ऐसे में प्रथम वर्ष में अंग्रेजी के किताबों को समझने में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार एमबीबीएस प्रथम वर्ष के लिए अंग्रेजी के तीन स्थापित लेखकों की पहले से चल रही तीन किताबों को हिंदी विषय में अनुवाद करने का काम कर रही है.

इस बदलाव में विशेषज्ञों का है महत्वपूर्ण योगदान
चिकित्सा विभाग के अधिकारी के अनुसार किताबें निजी प्रकाशकों की हैं जिनमें शरीर रचना विज्ञान (एनाटॉमी), शरीर क्रिया विज्ञान (फिजियोलॉजी) और जैव रसायन विज्ञान (बायोकेमिस्ट्री) विषयों से संबंधित किताब हैं. विद्यार्थियों तक इसकी पहुंच बड़े पैमानें पर हो सके इसके लिए अलग-अलग स्तरों पर इसे जांचा जा रहा है. उन्होंने बताया कि राज्य में मेडिकल की पढ़ाई पहले की तरह अंग्रेजी में जारी रहेगी. लेकिन शिक्षकों से अपील की गई है कि वे एमबीबीएस पाठ्यक्रम की कक्षाओं में हिंदी के शब्दों के प्रयोग को भी बढ़ावा दें.

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