कोरोना की दूसरी लहर की वजह से बिहार राज्य में कई परिवारों को नुकसान उठाना पड़ा है. इस दौरान कई लोगों को अपने परिजनों को भी खोना पड़ा है. ऐसे में दधीचि देहदान समिति लोगों की मदद के लिए आगे आई है.
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Patna: कोरोना की दूसरी लहर की वजह से बिहार राज्य में कई परिवारों को नुकसान उठाना पड़ा है. इस दौरान कई लोगों को अपने परिजनों को भी खोना पड़ा है. ऐसे में दधीचि देहदान समिति लोगों की मदद के लिए आगे आई है.
सांसद तथा दधीचि देहदान समिति के संरक्षक सुशील कुमार मोदी व समिति के महासचिव पद्मश्री विमल जैन ने बताया कि जिन परिवारों के कमाने वाले सदस्यों या अभिभावकों की मृत्यु कोरोना से हो गई है, उनके बच्चों की शिक्षा और भरण पोषण के लिए समिति प्रति माह 500-500 रुपये की मदद की जाएगी. ऐसे एक हजार बच्चों की मदद के लिए समिति 500 दानदाता परिवारों को तैयार करेगी, जो दो बच्चों की मदद के लिए सालाना बारह हजार रुपये का खर्च वहन करे.
इस पर सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना जैसी भीषण महामारी में जो व्यक्ति या परिवार सुरक्षित है, वे अपने को सौभाग्यशाली समझें और पीड़ित परिवारों के बच्चों की मदद के लिए आगे आएं. उन्होंने अपील की है कि सक्षम व्यक्ति को ऐसे दो बच्चों की मदद के लिए आगे आने का संकल्प लेना चाहिए, जिनके अभिभावक की कोरोना से मौत हो चुकी है. आर्थिक संकट के कारण उनके बच्चों का भरण-पोषण व शिक्षा प्रभावित हो रही है.
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में दधीचि देहदान समिति की ओर से पीएमसीएस व एनएमसीएच में आने वाले मरीजों के परिजनों व बांसघाट तथा गुलबीघाट में दाह संस्कार के लिए आने वालों लोगों के बीच अब तक 9 हजार से ज्यादा भोजन के पैकेट का वितरण किया गया है.
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लोगों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार कोरोना की वजह से अनाथ हुए परिवारों के बच्चों की मदद के लिए योजनाएं बना रही हैं. लेकिन इस मुश्किल वक्त में समाज के लोगों का भी फर्ज है कि वो आगे आएं और लोगों की मदद करें.